नई दिल्ली. आज यानि गुरुवार को सभी माताएं अहोई व्रत करेंगी. ये व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को किया जाता है. इसे माताएं अपने बच्चों की तरक्की व सलामती के लिए करती हैं. अहोई अष्टमी कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानि दिवाली से सिर्फ 7 दिन पहले मनाई जाती है. या यूं कहे कि ये व्रत करवा चौथ के 4 दिन बाद मनाया जाता है. अहोई का व्रत 12 अक्टूबर को 6.55 बजे शुरू होगी. ये 13 अक्टूबर को सुबह 4.59 बजे तक चलेगी. इस व्रत में भी करवा पूजन किया जाता है. इस दिन महिलाएं तारों और चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं. अगर आप इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करते हैं तो इस व्रत पर माता अहोई की कथा पढ़ अपना अहोई का व्रत पूरा करें.
ऐसा करें अहोई व्रत 2017 पर
इस दिन भी करवा लेकर पूजा की जाती है. पूजा खत्म हो जाने के बाद अपनी सांस या घर के बुजुर्गों को ये करवा दिया जाता है. करवा पर साड़ी शगुन के पैसे और भोजन देकर पुण्य कमाया जाता है. ऐसा करने से माता अहोई खुश होकर बच्चों की रक्षा करती है.
ये है माता अहोई व्रत कथा
कहा जाता है कि एक साहूकार के 7 बेटे और 7 बहुएं थीं. इस साहूकार के 1 बेटी भी थी. एक बार दिवाली के उत्सव पर घर को गोबर व मिट्टी से लीपने के लिए साहूकर की बहुओं के साथ उनकी ननद भी जंगल चली गई. ननद भी अपनी भाभियों के साथ मिट्टी खोदने लगी. ननद जहां मिट्टी खोद रही थी वहीं एक साही अपने बच्चों के साथ सो रही थी. लेकिन ननद की कुल्हाड़ी से लगने से साही के बच्चे की मौत हो गई.
तभी साही ने श्राप से ननद के बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद उसके सात बेटों की भी लगातार 7 बच्चों की मौत हो गई. तभी उसे एक दिन उसकी पड़ोसन ने बताया कि तुझे तेरी इस गलती का एहसास है. तू परेशान न हो बल्कि अहोई आठे का व्रत करें.इससे तुम्हारा आधा पाप नष्ट हो गया है। इसके साथ ही, उन्होंने साहूकारनी को अष्टमी के दिन भगवती माता और साही और साही के बच्चों का चित्र बनाकर उनकी आराधना करने को कहा. इसके बाद से साहूकार की बेटी ने हर अहोई आठें पर व्रत किया. जिससे अहोई माता के खुश होने के बाद उसे 7 बेटों की प्राप्ति हुई. तभी से ये परंपरा चली आ रही है कि माताएं अपने बच्चों की सलामती के लिए व्रत करती हैं.
अहोई व्रत 2017 का शुभ मुहूर्त
पूजा का समय- 1 घंटा 14 मिनट
मुहूर्त- सुबह 6.14 से 7.28 बजे तक
शाम – 6.39 बजे से शुरू
बता दें अहोई अष्टमी कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानि दिवाली से सिर्फ 7 दिन पहले मनाई जाती है. या यूं कहे कि ये व्रत करवा चौथ के 4 दिन बाद मनाया जाता है. इस बार अहोई का व्रत 12 अक्टूबर को 6.55 बजे शुरू होगी. ये 13 अक्टूबर को सुबह 4.59 बजे तक चलेगी.
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