Dhanteras 2017 : इस शुभ मुहूर्त में करें शॉपिंग, घर में होगी धन की वर्षा
Dhanteras 2017 : इस शुभ मुहूर्त में करें शॉपिंग, घर में होगी धन की वर्षा
दिवाली 2017 आने में अब सिर्फ 2 दिन ही बचे हैं, इस पर्व की शुरुआत धनतेरस 2017 (Dhanteras) से होती है. आज धनतेरस का पर्व है. शायद आप इस बात से अंजान हों कि अगर शुभ मुहूर्त में खरीदारी की जाए तो आपकी किस्मत का ताला खुल सकता है. धनतेरस 2017 पर धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के देव धन्वंतरी की पूजा की जाती है.
October 8, 2017 12:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : दिवाली 2017 आने में अब सिर्फ 2 दिन ही बचे हैं, इस पर्व की शुरुआत धनतेरस 2017 (Dhanteras) से होती है. आज धनतेरस का पर्व है. शायद आप इस बात से अंजान हों कि अगर शुभ मुहूर्त में खरीदारी की जाए तो आपकी किस्मत का ताला खुल सकता है. धनतेरस 2017 पर धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के देव धन्वंतरी की पूजा की जाती है. आप भी अगर शॉपिंग पर निकलने के लिए विचार कर रहे हैं तो शॉपिंग जाने से पहले आपके लिए ये जान लेना जरूरी है कि क्या आप शुभ मुहूर्त में शॉपिंग करने जा भी रहे हैं या नहीं ?
धनतेरस का अर्थ क्या है इसके बारे में जानना आपके लिए अवश्यक है. धन यानी पैसा और तेरस मतलब कृष्ण पक्ष का तेरहवां दिन. दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को होती है. धनतेरस के त्योहार को सुख समृद्धि, यश और वैभव का पर्व माना गया है. इस दिन धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के देव धन्वंतरी की पूजा की जाती है.
धनतेरसशुभ मुहूर्त
धनतेरस वाले दिन शाम 7.19 बजे से 8.17 बजे तक का है.
काल सुबह 7.33 तक दवा, खाद्यान्न
शुभ 9.13 तक वाहन,मशीन,कपड़ा,शेयर,घरेलू सामान
चर 14.12 तक गाड़ी, गतिमान वस्तु, गजट
लाभ 15.51 तकलाभ कमाने वाली मशीन,औजार, कंप्यूटर,शेयर
अमृत 17.31 तक जेवर, बर्तन, खिलौना, कपड़ा, स्टेशनरी
काल 19.11 तक घरेलू सामान, खाद्यान्न, दवा
इन चीजों को खरीदने से होगा लाभ
धातु के बर्तन, सोने व चांदी के आभूषण, झाड़ू, नमक, इलेक्ट्रॉनिक सामान, कुबेर की फोटो, सात मुखी रुद्राक्ष को खरीदने से आपको लाभ पहुंचेगा. इस बार 46 साल बाद धनतेरस पर कलानिधि योग बन रहा है, तीन योग एक साथ होने पर कलानिधि योग बनता है.
धनतेरस दीपदान का महत्व
क्या आप जानते हैं कि धनतेरस पर यमराज को दीपदान करने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है. इस दिन भगवान कुबेर के साथ महालक्ष्मी का पूजन विधि विधान से किया जाता है.