Diwali 2017 : मां लक्ष्मी की पूजा में इन 33 चीजों का है खास महत्व, धन की कमी होगी दूर
Diwali का त्योहार आने वाला है, सभी लोग अपने घरों की सफाई में जुटे हुए हैं, वो कहते हैं कि अगर मां आपसे प्रसन्न हो तो आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है. दिवाली के दिन अगर आप भी Maa Laxmi को प्रसन्न करने वाले उपाय जानने के लिए उत्सुक हैं तो आज की हमारी ये खबर खास आप लोगों के लिए है.
October 5, 2017 12:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : Diwali का त्योहार आने वाला है, सभी लोग अपने घरों की सफाई में जुटे हुए हैं, वो कहते हैं कि अगर मां आपसे प्रसन्न हो तो आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है. दिवाली के दिन अगर आप भी Maa Laxmi को प्रसन्न करने वाले उपाय जानने के लिए उत्सुक हैं तो आज की हमारी ये खबर खास आप लोगों के लिए है. 33 ऐसी चीजें हैं जिन्हें मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु, भगवान गणेश और भगवान कुबेर की भी पूजा करें.
Laxmi Puja में इन चीजों का करें इस्तेमाल
मां की पूजा-आराधना करते समय कलावा, रोली, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी , अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन पूजन सामग्री का इस्तेमाल करें.
Laxmi Puja शुरू करने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
मां लक्ष्मी की पूजा शुरू करने से पहले चौकी को धोकर रंगोली बना लें और फिर चौकी के चारों तरफ दीपक जलाएं. मां की मूर्ति को जहां भी स्थापित करने जा रहे हैं वहां थोड़े से चावल भी जरूर डालें. मां को प्रसन्न करने के लिए उनके बाईं ओर भगवान विष्णु की मूर्ति को स्थापित करें. पुष्प, फल, सुपारी, पान, चांदी का सिक्का, नारियल (पानी वाला), मिठाई, मेवा, आदि सभी सामग्री थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर दीपावली पूजन के लिए संकल्प लें. दिवाली वाले दिन जो बात आपको विशेष रूप से ध्यान रखनी चाहिए वो ये है कि इस दिन मां लक्ष्मी को लाल वस्त्र जरूर पहनाएं. कलश की स्थापना करने के बाद मां लक्ष्मी की आराधना करें.
इस दिवाली महालक्ष्मी पूजन का मुहूर्त सुबह सात बजे से शुरू हो रहा है. यह मुहूर्त रात साढ़े आठ बजे तक रहेगा. इस मंत्र से होती है मां लक्ष्मी की पूजा ऊं अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोऽपिवा. य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: