नई दिल्ली. हिंदू धर्म में कार्तिक माह, कार्तिक व्रत, कार्तिक पूजा, कार्तिक स्नान का खास महत्व होता है. इस माह में बड़े-बड़े त्योहार मनाये जाते हैं. कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना कहा जाता है. ये महीना शरद पूर्णिमा से शुरू होता है और कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है. इस पूरे माह कार्तिक स्नान किया जाता है. यानि सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान का महत्व होता है.
कार्तिक महीने में स्नान का महत्व
मान्याता है कि कार्तिक माह में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु खुश होकर अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते है. महिलाएं सुबह स्नान करने के बाद पूजा कर महिला-मंडली गीत गाती हैं. पुराणों के आधार पर कहा जाता है कि कार्तिक स्नान और पूजा के पुण्य से ही सत्यभामा को भगवान श्री कृष्ण की पत्नी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
कार्तिक पूजा के दौरान ध्यान दें इन बातों पर
पूरे कार्तिक माह पूजा की जाती है. इस दौरान शराब-ध्रूमपान आदि सब निषेद होता है. इस दौरान प्याज, लहसुन, मीट मछली नहीं खानी चाहिए. जो लोग कार्तिक स्नान और व्रत करते हैं तो उन लोगों को नीचे सोना चाहिए. इस दौरान तुलसी और सूर्य देव को जल चढ़ाया जाता है. कार्तिक महीने में तुलसी को सुबह-शाम दिया-बत्ती करनी चाहिए.
इस माह पूजा के दौरान भोग
शरद पूर्णिमा से ही कार्तिक माह की शुरुआत हो जाती है. इस दिन से पूरे माह पूजा-पाठ किया जाता है. शरद पूर्णिमा पर खीर का भोग लगाया जाता है. इस दिन से ही मंदिरों में कई प्रकार की झांकियां निकाली जाती है. इस पूरे माह मूंगफली, गजक, अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. अन्नकूट को विशेष रूप से इस त्योहार के लिए तैयार किया जाता है.
कार्तिक माह में आने वाले बड़े त्योहार
5 अक्टूबर- शरद पूर्णिमा
8 अक्टूबर- करवा चौथ
12 अक्टूबर- अहोई अष्टमी
15 अक्टूबर- रमा एकादशी
16 अक्टूबर- गौवत्स द्वादश
17 अक्टूबर- धनतेरस
18 अक्टूबर- रूप चतुर्दशी
19 अक्टूबर- दिवाली
20 अक्टूबर- गोवर्धन पूजा
21 अक्टूबर- भाईदूज
25 अक्टूबर- सौभाग्य पंचमी
24,25,26 अक्टूबर- छठ
28 अक्टूबर- गोपाष्मी
29 अक्टूबर- आंवला नवमी
31 अक्टूबर- देव एकादशी
3 नंवबर- वैकुंठ चतुर्दशी
4 नंवबर- कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली