Sharad Purnima 2017: इस वजह से है खीर का प्रसाद खाने की परंपरा

Sharad Purnima 2017: अश्विन मास की पूर्णिमा बेहद खास होती है क्योंकि साल में एक बार आने वाली ये पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाई जाती है. इसे कुछ लोग रास पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं. कहा जाता है कि इस रात में खीर को खुले आसमान में रखा जाता है और उसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है. बता दें इस बार शरद पूर्णिमा 5 अक्टूबर को है.

Advertisement
Sharad Purnima 2017: इस वजह से है खीर का प्रसाद खाने की परंपरा

Admin

  • October 3, 2017 6:13 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. अश्विन मास की शरद पूर्णिमा बेहद खास होती है क्योंकि साल में एक बार आने वाली ये पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाई जाती है. इसे कुछ लोग रास पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं. कहा जाता है कि इस रात में खीर को खुले आसमान में रखा जाता है और उसे प्रसाद के रूप में खाया जाता है. बता दें इस बार शरद पूर्णिमा 5 अक्टूबर को है.
 
हिंदू परंपरा के अनुसार कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. मान्यता है की शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा 16 कलाओं से संपन्न होकर अमृत वर्षा करता है. जो स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होती है. इस रात लोग मान्यता के अनुसार खुले में खीर बनाकर रखते हैं और सुबह उसे सब के बीच में बांटा जाता है. यही कारण है कि इस रात लोग अपनी छतों पर या चांद के आगे खीर बनाकर रखते हैं और प्रसाद के रूप में खीर को बांटा जाता है.
 
 
Sharad Purnima 2017: कैसे लगायें खीर का भोग?
इस दिन व्रत रख कर विधिविधान से लक्ष्मीनारायण का पूजन करें और रात में खीर बनाकर उसे रात में आसमान के नीचे रख दें ताकि चंद्रमा की चांदनी का प्रकाश खीर पर पड़े. दूसरे दिन सुबह स्नान करके खीर का भोग अपने घर के मंदिर में लगाएं कम से कम तीन ब्राह्मणों या कन्यायों को खीर प्रसाद के रूप में दें और फिर अपने परिवार में खीर का प्रसाद बांटें. इस प्रसाद को ग्रहण करने से अनेक प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है.
 
 
शरद पूर्णिमा 2017 का महत्व
शास्त्रों के अनुसार इस दिन अगर अनुष्ठान किया जाए तो यह अवश्य सफल होता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचा था. इस दिन चन्द्रमा कि किरणों से अमृत वर्षा होती है. इसी कारण इस दिन खीर बनाकर रात भर चांदनी में रखकर अगले दिन प्रात:काल में खाने का विधि-विधान है.

Tags

Advertisement