नई दिल्ली. इस बार करवाचौथ 8 अक्टूबर को है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं. करवाचौथ के दिन महिलाओं को पूजा का विशेष ध्यान देना होता है. महिलाएं चंद्रोदय की रस्म के लिए अपनी पूजा की थाली को सजाती हैं. फिर चंद्रमा की पूजा कर अपने पति को छलनी में से देखकर उनके हाथ से जल पीकर अपना व्रत खोलती हैं. लेकिन जब तक चांद न देखें तब तक महिलाओं को कई चीजें से बचना चाहिए.
हिंदू परंपरा के अनुसार इस दिन चांद देखने से पहले अगर किसी भी महिला ने चांद देखने से पहले अपने सास, मां या किसी भी बुजुर्ग का अनादर करती है तो उस दिन उसका व्रत पूरा नहीं हो पाता. क्योंकि करवाचौथ पर पति की कामना के साथ बड़े बुजुर्गों का भी महत्व होता है.
इस दिन मां गौरी की पूजा की जाती है. इस दिन चांद देखने से पहले महिलाएं देवी गौरी की पूजा करना न भूलें. चांद की पूजा करने से पहले दिन में गौरी की पूजा होती है. इस समय मां गौरी को हलवा पूरी का भोग लगाया जाता है. और इस प्रसाद को आदर पूर्वक अपनी सास को देना चाहिए.
करवाचौथ के व्रत के दिन विवाहित महिलाएं चांद देखने से पहले किसी को भी दूध, दही, चावल, सफेद कपड़ा या कोई भी सफेद वस्तु न दें. क्योंक कहा जाता है कि ऐसा करने से चन्द्रमा नाराज हो जाता है. अशुभ फल देगा.
पूजा के दौरान महिलाओं को एक घेरा बनाकर बैठना चाहिए और फिर एक महिला 7 बार फेरी लगाकर एक-दूसरे से थाली बदलें. इस फेरी के दौरान गीत गाएं जाते हैं. महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती जाती हैं और थाली को 7 बार फेरती जाती हैं.