नई दिल्ली : बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरा हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. दशहरा के दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था इसलिए इस दिन ‘रावण दहन’ भी किया जाता है. रावण एक ज्ञानी ब्राह्मण था उस वक्त उसकी तुलना कोई नहीं कर सकता था. लेकिन क्या आपको पता है रावण ने लक्ष्मण को ज्ञान से जुड़ी तीन अहम बातें बताईं थी. आज इस दशहरा के अवसर पर हम आपको रावण से जुड़ी तीन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका पालन आप अपनी जिंदगी में भी कर सकते हैं. आपको बता दें कि रावण ने भगवान शिव की कठिन तपस्या करके रावण को अमर रहने का वरदान मिला था. लेकिन वरदान मिलने के बाद रावण घमंडी ने उसे राक्षस बना दिया था.
ऐसी मान्यता है कि रावण जैसा विद्वान आज तक दुनिया में पैदा नहीं हुआ, रावण जब मरणासन्न अवस्था में था तो उस वक्त राम जी ने लक्ष्मण को उनके पास शिक्षा लेने के लिए भेजा था. जब लक्ष्मण जी रावण के पास गए तो वह कुछ भी नहीं बोला जिस वजह से वह वापस आ गए. लक्ष्मण जी के वापस आने पर जब राम जी ने उनसे पूछा तो उन्होंने वहां हुई बात को बताया.
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लक्ष्मण जी की बात को सुनने के बाद राम जी ने उनसे कहा कि अगर किसी से ज्ञान की प्राप्ति करनी हो तो उनके सिर पर नहीं बल्कि चरणों के पास खड़े होना. एक बार फिर लक्ष्मण जी रावन के पास गए जिसके बाद रावण ने उन्हें तीन ऐसी ज्ञान की बातें बताईं जो आज भी सत्य हैं. अगर आप भी रावण द्वारा बताई गई उन बातों का अपनी जीवन में अमल करते हैं तो आपको कभी भी निराशा या असफलता का सामना नहीं करना पड़ेगा.
ये हैं वो तीन बातें जो रावण ने अपने अंतिम समय में बताईं
1) शुभ काम को कभी टालना नहीं चाहिए, जितनी जल्दी हो सके शुभ काम कर लेना चाहिए. अगर आप किसी भी शुभ कार्य को करने में देरी करते हैं तो बाद में परेशानी या पछताना पड़ सकता है.
2) कभी भी अपने दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी को कम आंकने की कोशिश न करें, अगर आप इस बात का पालन करेंगे तो आप हमेशा बेहतर करेंगे. अगर आप इसके विपरीत करते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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3) तीसरी और अहम बात जो अपने अंतिम समय में रावण ने लक्ष्मण जी को बताई वो ये थी कि अपना राज किसी को भी बताना नहीं चाहिए, आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि रावण के राज केवल विभीषण जानता था. इस बात से ये सीख मिलती है कि अगर आप अपने राज को किसी से साझा करते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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