नई दिल्ली. मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा नवरात्र में की जाती है. कन्याओं को माता का रूप माना जाता है. इसीलिए नौवें दिन कन्याओं को बुलाकर कन्या पूजन किया जाता है. इस दिन कन्याओं को भोजन करवाया जाता है और उपहार बांटे जाते हैं.
ज्योतिषों के अनुसार कहा जाता है कि नौवें नवरात्रि पर 9 से अधिक कन्याओं का पूजन किया जाता है. ऐसा इसीलिए किया जाता है क्योंकि 9 कन्याओं को 9 देवियों का रूप माना जाता है. साथ ही इस दिन एक बालक को भी पूजा जाता है. जिसे लंगूर कह कर पुकारा जाता है.
9 कन्याओं और 1 बालक का पूजन नवरात्र के नौवें दिन किया जाता है. कहा जाता है कि इसे हनुमान जी का रूप माना जाता है. जैसे आपने ये तो सुना होगा कि मां दुर्गा की पूजा भैरव के दर्शन के बिना पूरी नहीं होती. ठीक उसी प्रकार उसी तरह कन्या-पूजन के समय एक बालक को भी भोजन कराना बहुत जरूरी होता है.
शास्त्रों के मुताबिक, कन्या पूजन की विधि पर डालें एक नजर
1) कन्याओं को एक दिन पूर्व उनके घर जाकर निमंत्रण दें.
2) घर में कन्याओं के प्रवेश के समय उनपर फूलों डालकर उनका स्वागत करने के साथ-साथ मां दुर्गा के नौ नामों का जयकारा लगाएं.
3) प्रवेश के बाद कन्याओं को स्वच्छ जगह पर बिठाएं.
4) कन्याओं के पैरों को दूध से भरे थाल या स्वच्छ पानी से उनके पैर को धोएं.
5) इसके बाद उनके माथे पर कुंकुम लगाएं.
6) इसके बाद मां भगवती का ध्यान कर सभी कन्याओं को भोजन करवाएं.
7) भोजन के बाद अपने सामर्थ्य के मुताबिक, उपहार या दक्षिणा दें और फिर उनके पैरों को स्पर्श कर उनसे आशीष लें.