नई दिल्ली. छठे नवरात्रि 2017 पर मां दुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है. कहा जाता है मां कात्यानी भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखती हैं. मां कात्यायनी बहुत जल्दी ही भक्तों से प्रसन्न होकर उनके रोग, दुख, संताप, भय, और सभी कष्टों से उन्हें मुक्त कर देती है. मां कात्यायनी की पूजा से सभी भक्त अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष फलों की प्राप्ति होती है.
मां कात्यायनी व्रत कथा
हिंदू मान्यता के अनुसार के कहा जाता है कि मां कात्यायनी का जन्म मह्रिषी कात्यायन के घर हुआ था. मह्रिषी कात्यायन के घोर तपस्या करके मां दुर्गा को प्रसन्न किया था. जिसके बाद मां दुर्गा से प्रसन्न होकर मह्रिषी को वरदान दिया कि मह्रिषी कात्यायन तुम्हारे यहां एक यहां पुत्री का जन्म होगा जिसे जन्मों जन्मों तक पूजा जाएगा. जिसके बाद उनका नाम कात्यायनी रखा गया.
मां कात्यायनी की पूजा में इस मंत्र का जाप करें
चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना ।
कात्यायनी शुभं दघा देवी दानव घातिनि ।।
मां कात्यायनी की करें पूजा
छठे शारदीय नवरात्र 2017 के दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मंदिर में मां कात्यायनी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. मां की प्रतिमा को तिलक करें. इसके बाद जोत जलाएं, और जोत लेने के लिए गोबर के उपले को जला कर लौंग इलायची का भोग लगाएं.