नई दिल्ली: नवरात्रि 2017 के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा को दुर्गा को तीसरा रूप माना जाता है. इनके मस्तक पर घंटे के आकार का एक अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि 2017 के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने से बाकी दिनों की अपेक्षा दोगुना फल मिलता है. सिंह पर सवार दुष्टों के संहार के लिए हमेशा तैयार रहती हैं.
कब करें पूजा
शनिवार को शारदीय नवरात्रि 2017 का तीसरा दिन है. ऐसे में नवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से दिन के 10.55 बजे तक शुरुआत कर सकते हैं. ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि तय समय में ही मां की पूजा की जाए लेकिन शुभ मुहूर्त में हो तो ज्यादा अच्छा माना जाता है. मां चंद्रघंटा की पूजा के दौरान लाल या पीला वस्त्र पहने तो ज्यादा अच्छा है.
पूजा में साबुत लोंग का जोड़ा, सुपारी, पान, दूध, दही से बनी कोई चीज जो घर में बनाई गई हो उसका सेवन मां को कराएं और स्वयं भी करें. पूजा करते समय सबसे पहले शुद्ध रोली और कुमकुम का टीका माता को लगाए. उसके बाद अक्षत, पंच मेवा और अखंड ज्योति जलाए. इतना ध्यान रखें कि जब भी दीपक जलाए तो उस प्रतिमा के बाईं ओर ही रखें.
अक्षत करें दान-
नवरात्र के तीसरे दिन अक्षत का खासतौर पर दान किया जाता है. यानि 8 साल से छोटी कन्याओं को नवरात्र के तीसरे दिन चावल का दान जरूर करें.
मां चंद्रघंटा की उपासना का मंत्र-
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥