नई दिल्ली. आज दूसरा नवरात्र है. इस दिन मां दुर्गा के दसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है. इसी प्रकार मां भगवती के नवरात्र में नौ दिनों तक नौ रूपों की पूजा की जाती है.
मां ब्रह्मचारिणी की कथा
मां ब्रह्मचारिणी फलदायिनी देवी है. ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली. इससे ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली. एक बार की बात है. मां ने पति के रूप में भोले नाथ को पाने के लिए घोर तपस्या की थी. इस कठिन तपस्या की वजह सब हैरान हो गए थे. कि कैसे देवी ने इतनी कठिन तपस्या की. इस तपस्या का मां को फल मिला. इसी की तपस्या की वजह से आज तक मां ब्रह्मचारिणी का नाम तप करने वाली यानि ब्रह्मचारिणी नाम पड़ा. और इन्हें पूजा जाने लगा.
मां ब्रह्मचारिणी की करें पूजा
आज पहला नवरात्र 2017 है. आज के दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. मंदिर में मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. मां की प्रतिमा को तिलक करें. इसके बाद जोत जलाएं, और जोत लेने के लिए गोबर के उपले को जला कर लौंग इलायची का भोग लगाएं.
इस मंत्र का करें उच्चारण
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥