नई दिल्ली: हिन्दुओं की सबसे पवित्र त्योहार शारदीय नवरात्रि 2017 आज से शुरू हो गया है. हिन्दू परंपरा के अनुसार इन 9 दिनों का विशेष महत्व होता है. 9 दिनों तक चलने इस पूजा में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है.
नवरात्र के पहले दिन मां के जिस रूप की उपासना की जाती है, उसे शैलपुत्री ते नाम से जाना जाता है. इन नौ दिन में दुर्गा माता के सभी नौ रूपों का विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. नवरात्रि 2017 के पहले दिन पूजा के लिए कई तरह की तैयारियां की जाती हैं.
शारदीय नवरात्र 2017 में अखंड ज्योत का महत्व:
अधिकांश लोग नवरात्रि में माता के लिए अखंड ज्योति जलाते हैं. जो कि पूरे नौ दिन तक जलती रहती है. अखंड ज्योत को जलाने से घर में हमेशा मां दुर्गा की कृपा बनी रहता है. जरूरी नहीं कि हर घर में अखंड ज्योत जलें. दरअसल अखंड ज्योत के कुछ नियम होते हैं जिन्हें नवरात्र में पालन करना होता है.
– अखंड ज्योति को घर में जलाने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से जानकारी भी होनी चाहिए. आज हम आपको अखंड ज्योति जलाने को लेकर कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताने जो रहे हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं तोड़नी चाहिएं.
– जिस घर में माता के लिए अखंड ज्योति जलाई जा रही हो उस वक्त किए गए संकल्प के समय से पहले नहीं बुझनी चाहिए. ऐसा होना अनर्थ माना जाता है और कुछ न कुछ बुरा होने की आशंका रहती है.
– इसके अलावा जहां माता के लिए अखंड ज्योति जलाई जाती है उससे शौचालय और बाथरूम काफी दूरी पर होने चाहिए जिसकी परछाई तक इस ज्योति पर न पड़े.
– हमेशा ध्याऩ रखें कि कोई भी अखंड ज्योति को फूंक मारकर न बुझा दे.
– हिन्दू परंम्परा है कि जिन घरों में अखंड ज्योत जलाते है उन्हें जमीन पर सोना होता है.
– अखंड ज्योति के आस-पास बैठकर खाना या जूठन भूलकर भी नहीं रखना चाहिए.
मां दुर्गा का घट-स्थापना का मुहूर्त 2017
नवरात्रों में सबसे अहम माता की चौकी होती है. जिसे शुभ मुहूर्त देखकर लगाया जाता है. माता की चौकी लगाना के लिए भक्तों के पास 21 सितंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर 08 बजकर 22 मिनट तक का समय है.