Pitru Paksha 2017 : आज से पितृ पक्ष शुरू, श्राद्ध करने का ये है उत्तम समय
आज से पितरों के दिन शुरू हो गए हैं और अमावस्या तिथि तक रहेंगे, आप भी अगर श्राद्ध से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आज की हमारी ये खबर खास आप लोगों के लिए है.
- September 5, 2017 9:25 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : आज से पितरों के दिन शुरू हो गए हैं और अमावस्या तिथि तक रहेंगे, आप भी अगर श्राद्ध से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आज की हमारी ये खबर खास आप लोगों के लिए है.
बता दें कि पितरों का पितृ पक्ष के साथ एक खास संबंध होता है, ऐसा माना गया है कि श्राद्ध कर्म से पितर अन्न-जल से तृप्त होकर अपना शुभ आशीर्वाद देते हैं. पूर्णिमा तिथि का आरंभ समय 12.30 मिनट पर होगा. 6 सितंबर को प्रतिपदा का श्राद्ध है, समय 12.20 मिनट पर आरंभ होगी, 19 सितंबर को सुबह 11.42 मिनट के पश्चात अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी.
बता दें कि जिस भी महिला का पुत्र न हो वह खुद ही अपने पति का श्राद्ध कर सकती है, इस दिन जल, तिल, कुश, दूध, पुष्प अक्षत आदि का तर्पण किया जाता है. ब्राह्मूणों को भोजन, पंचबलि, गाय, कौआ, कुत्ता, अग्नि, चीटियों के लिए आदि दिए जाते हैं. दिन में 1.12 मिनट से 3.36 मिनट तक अपराह्न काल होता है, इस दिन कुतुप बेला में अर्थात दिन का आठवां मुहूर्त प्रात: 11.36 मिनट से 12.24 मिनट तक का समय श्राद्ध के लिए उत्तम होता है.
पितरों की आत्मा की शांति के लिए नीचे बताई गई चीजों को दान करना चाहिए. शास्त्रों में तीन ऋण विशेष बताए गए हैं. देव, ऋषि और पितृ ऋण ये हैं वो तीन ऋण जो बेहद महत्व रखते हैं, श्राद्ध की क्रिया से पितरों का पितृ ऋण उतारा जाता है.
1) तिल दान
2) घी-दूध का दान
3) अन्नदान
4) वस्त्र दान