Geeta Ka Gyan: श्रीमद्भागवत ऐसा ग्रंथ हैं जिसमें मनुष्य के जीवन जीने के सही मार्ग के बारे में बताया गया है. गीता आपको जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम के पाठ से अवगत कराती है. सिर्फ जीवन ही नहीं, जीवन के बाद भी गीता को उपयोगी बताया गया है. श्रीमद्भागवत एकमात्र ऐसा संपूर्ण जीवन दर्शन […]
Geeta Ka Gyan: श्रीमद्भागवत ऐसा ग्रंथ हैं जिसमें मनुष्य के जीवन जीने के सही मार्ग के बारे में बताया गया है. गीता आपको जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम के पाठ से अवगत कराती है. सिर्फ जीवन ही नहीं, जीवन के बाद भी गीता को उपयोगी बताया गया है. श्रीमद्भागवत एकमात्र ऐसा संपूर्ण जीवन दर्शन है जिसके अनुसरण करने से व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ बनता है. श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उन उपदेशों के बारे में बताया गया है जो उन्होंने अर्जुन को महाभारत युद्ध के दौरान दिए थे. आइये इनख़बर के इस अध्यात्म लेख में हम आपको गीता में क्रोध से जुड़े कुछ अनमोल उपदेशों के बारे में बताएंगे।
आपको बता दें कि गीता में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं और ये श्लोक आज भी इंसान को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं. इन श्लोकों में आज भी सद् कर्म करने की शिक्षा दी गई है. आपकी जीवन की सभी परेशानियों और दुःख का हल गीता में मिलता है. कोई भी मनुष्य गीता में लिखी बातों का अनुसरण करके अपने जीवन को बदल सकता है. आईये आपको आज गीता से जुड़ी ऐसे ही 5 बातों के बारे में बताते हैं.
• गीता के अनुसार प्रत्येक मनुष्य को अपने क्रोध पर काबू करना आना चाहिए. क्रोध में व्यक्ति स्वयं से नियंत्रण खो बैठता है और ऐसे गलत काम कर बैठता है जिससे वह खुद आगे चलकर पछताता है. इसलिए आप क्रोध पर संयम रखने का प्रयास करें।
• श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार हर व्यक्ति को अपने मन पर काबू रखना चाहिए। इंसान का मन बेहद चंचल होता है और यही मन आगे चल कर हमारे दुखों का कारण बनता है. जो व्यक्ति समय के अनुसार अपने मन को काबू करना सीख लेता है वो सफलता की राह पर चल पड़ता है.
• श्रीकृष्ण के अनुसार, हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है. इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि वो परिणाम के बारे में सोचे बिना ही सिर्फ अपने कर्मों पर ध्यान दे व संकट के समय में चिंतित न हो.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)