…ये है गणेश चतुर्थी का महत्व, विसर्जन पर शुभ मुहूर्त और तिथि देखकर ऐसे करें पूजा

नई दिल्ली. गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार बप्पा 10 दिन नहीं बल्कि 11 दिनों के लिए घरों में दर्शन देने के लिए आए हैं. कहा जाता है इस अवसर पर भगवान गणेश स्वयं कैलाश पर्वत से पृथ्वी पर आते हैं और लोगों के दुख हरते हैं. 5 सिंतबर को गणेश वित्सर्जन है जिसका महत्व जानना आपके लिए जरुरी है.
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे कई मान्यताएं विद्यमान हैं. कहा जाता है कि  कहा जाता है कि माता पार्वती ने अपने शरीर के मैल से भगवान गणेश का निर्माण किया था. एक बार माता पार्वती स्नान करने जा रही थी और उन्होंने गणेश को आदेश दिया जब तक वह स्नान करके न लौट आए तब वह दरवाजे पर पहरा दें. लेकिन तभी भगवान शिव वहां आ गए और गणेश ने उन्हें अंदर जाने से रोका. इस बात पर भगवान शिव नाराज हो गए और गणेश का सिर काट दिया यह दृश्य देखकर माता पार्वती बेहद क्रोधित होती है.
जिसके बाद भगवान शिव माता पार्वती को वचन दिया कि वह गणेश को नया जीवन देंगे. जिसके बाद भगवान शिव ने अपने साथियों को एक सिर ढूंढने के लिए भेजा, लेकिन किसी भी मां ने अपने बच्चे का सिर देने से मना कर दिया. फिर भगवान शिव ने दोबारा अपने साथियों को भेज कर गणेश का सिर लाने को कहा.उन लोगों ने एक हाथी का सिर लाकर उन्हें दिया. भगवान शिव ने वह हाथी का सिर गणेश के धड़ से जोड़कर उन्हें नया जीवन दिया जिसके बाद भगवान गणेश को गजानन कहकर पुकारा जाने लगा.
ऐसे करें गणेश चतुर्थी की पूजा
गणेश पूजा करते समय कई बातों का ध्यान रखा जाता है. जैसे दाएं हाथ की ओर घूमी हुई सूंड वाले गणपति की प्रतिमा को मंदिर में नहीं लगाया जाता. हिंदू परंपरा के अनुसार इस पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. बप्पा को मोदक बहुत पसंद है इसीलिए घर में शुद्ध तरीके से बनाएं. ऐसा करने से बप्पा खुशा होंगे.
ऐसे करें गणेश विसर्जन
बप्पा का विसर्जन करने से पहले भगवान गणेश की आरती की जाती है. तिलक लगाकर, फल और मोदक चढ़ाकर मंत्रो का उच्चारण करते हैं. इसके बाद भगवान को चढ़ाया गए फल और मिठाई को लोगों को बांटा जाता है.पूजा स्थान से गणपति की प्रतिमा को उठाएं. साथ में फल, फूल, वस्त्र और मोदक रखें. इस पूजा में दीपक, धूप, पुष्प, चावल और सुपारी को एक लाल कपड़े में बांध कर रख लें. जिसे विसर्जन के दौरान प्रयोग करें.
जैसे ही बप्पा की मूर्ति उठा लें उसके बाद लगातार बप्पा के मंत्र, गणपति बप्पा मोरया का उच्चारंण करें. अपने विसर्जन के स्थान पर लें जाएं. विसर्जन के दौरान बप्पा के अगले साल आने की भी कामना करते रहें.
गणेश विसर्जन तिथि
4 सितंबर, 2017 को चतुर्दशी तिथि सुबह 12:14 बजे शुरू होगी
चतुर्दशी तिथि 5 सितंबर, 2017 को 12:41 बजे समाप्त हो जाएगी
गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
सुबह का मुहूर्त (चार, लाभ, अमृत) – 09:32 बजे- 14:11 अपराह्न
दोपहर का मुहूर्त (शुभ) = 15: 44 बजे- 17:17 बजे
शाम का मुहूर्त(प्रयोग) = 20:17 अपराह्न – 21: 44 बजे
रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चार) = 23:11 बजे
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