नई दिल्ली. 4 सिंतबर यानि आज केरल ओणम का त्योहार मना रहा है. ये त्योहार केरलवासियों के लिए प्रमुख त्योहार होता है. इस दिन राजा महाबली के स्वागत में हर साल ये पर्व मनाया जाता है. ये पर्व गणेश चतुर्थी के तरह 10 दिन तक मनाया जाता है.
ओणम त्योहार की मान्यता है कि राजा महाबली के शासन में प्रजा बहुत सुखी व संपन्न थी. इसी दौरान भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर आए और तीन पग में उनका पूरा राज्य लेकर उनका उद्धार कर दिया. माना जाता है कि वे साल में एक बार अपनी प्रजा को देखने के लिए आते हैं. तब से केरल में हर साल राजा महाबली के स्वागत में ओणम का पर्व मनाया जाता है.
इस पर्व का महत्व केरल वासियों के लिए बहुत होता है. ये त्योहार हर साल श्रावण शुक्ल की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस खुशी के अवसर पर लोग घरों को फूलों और लाइटों से सजाते हैं. और तरह तरह के पकवान बनाए जाते हैं. इस त्योहार को उत्तर भारत में दिवाली की तरह मनाया जाता है.
सिर्फ केरल में ही नहीं बल्कि पूरे देश में इस त्योहार को मनाया जाता है. इस नौका दौड़ के साथ कथकली नृत्य और गाना भी होता है. केरल में ओणम पर्व के दिन हाथियों की रैली निकालीं जाती है. और शुभ श्रावण देवता और फूलों की देवी की पूजा की जाती है.
इस दिन लोग तरह तरह के पकवान बनाते हैं जिनमें से ओणम का सबसे खास आकर्षण होता है साद्य. ओणम के दौरान खाए जाने वाले खाने को साद्य कहते हैं. साद्य से भगवान को भोग लगाया जाता है. इसी तरह वेला नारंगा करी एक स्वादिष्ट पकवान है जिसे लोग खूब शौक से खाते हैं. सेहत के लिहाज से ये फायदेमंद है क्योंकि ये शुगर के ओवरडोज से बचाता है.
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