पितृ पक्ष 2017: श्राद्ध में पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान करें ये चीजें

वो कहते हैं ना कि एक मनुष्य को हमेशा दान आदि करते रहना चाहिए लेकिन जब बात पितरों की आती है तो सभी के मन में भक्ति-भावना जागृत हो जाती है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि श्राद्ध में कौन-कौन से दान आदि कर सकते हैं.

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पितृ पक्ष 2017: श्राद्ध में पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान करें ये चीजें

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  • September 2, 2017 6:17 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : वो कहते हैं ना कि एक मनुष्य को हमेशा दान आदि करते रहना चाहिए लेकिन जब बात पितरों की आती है तो सभी के मन में भक्ति-भावना जागृत हो जाती है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि श्राद्ध में कौन-कौन से दान आदि कर सकते हैं. ऐसे में बड़े-बुर्जूग पितरों की याद में अपनी श्रद्धा के अनुसार दान करते है.
 
पितरों के लिए किए जाने वाले सभी कार्य उन्हें श्राद्ध कहते हैं. आप अपने पितरों के लिए जो भी कार्य करें उसे श्रद्धापूर्वक करें, बता दें कि श्राद्ध को ही पितरों का यज्ञ कहते हैं. शास्त्रों में तीन ऋण विशेष बताए गए हैं. 
 
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देव, ऋषि और पितृ ऋण ये हैं वो तीन ऋण जो बेहद महत्व रखते हैं, श्राद्ध की क्रिया से पितरों का पितृ ऋण उतारा जाता है. विष्णु पुराण में इस बात का जिक्र किया गया है कि श्राद्ध से तृप्त होकर पितृ ऋण समस्त कामनाओं को तृप्त करते हैं.
 
1) तिल दान
 
श्राद्ध में तिल दान करना महत्वपूर्ण होता है, बता दें कि दान के लिए काला तिल अच्छा माना गया है. अब आप सोच रहे होंगे कि काला तिल ही क्यों तो बता दें कि भगवाव विष्णु को काला तिल सबसे अधिक प्रिय है. काला तिल दान करने से इसका संपूर्ण फल पितरों को प्राप्त होता है. ऐसा करने से संकट के समय में परिवार की रक्षा होती है.
 
2) घी-दूध का दान
 
श्रद्धा से श्राद्ध में गाय का शुद्ध देसी घी को ब्राह्मण को दान से घर में खुशहाली आती है. एक बात का खास ख्याल रखें और वो ये है कि दूध-घी जो भी दे रहे हैं वो पुराना होना चाहिए. श्राद्ध में घी-दूध देने का एक अलग ही महत्व है.
 
 
3)  अन्नदान
 
श्राद्ध में अन्नदान करना चाहिए, ऐसा माना गया है कि सच्चे मन से ऐसा करने से सभी की इच्छाएं पूरी होती है. किसी भी गरीब व्यक्ति को अन्न खिलाएं और साथ ही अन्न भी दान करें.  
 
4) वस्त्र दान
 
आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि हमारी ही तरह पितरों को भी सर्दी-गर्मी का अहसास होता है, जो मनुष्य अपने पूर्वजों के बनाए हुए वस्त्र दान करते है उन पर पितरों का भक्ति भाव बना रहता है. बता दें कि वस्त्र दान से यमदूतों का भय ही समाप्त हो जाता है.
 

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