नई दिल्ली. इस्लाम धर्म में साल में दो ईद मनायी जाती है. ईद-उल-फितर और दूसरी होती है ईद-उल-जुहा. इस पर्व को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है.
बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने के बाद कुर्बानी देते हैं. इस पर्व को आज पूरा देश धूमधाम से मना रहा है. इस अवसर पर आप अपने दोस्तों और परिवार वालों को बकरीद की मुबारकबाद देने के लिए कुछ ऐसे मेसेजस भेज सकते हैं.
बकरीद मैसेजेस
1. पानी झलकता है, फूल महकता है, और हमारा दिल तड़पता है, आपको बकरीद मुबारक कहने के लिए…
2. चुपके से चांद की रोशनी छू जाए आपको, धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको… दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से, हम दुआ करते हैं वो मिल जाए आपको…
3. आगाज ईद है, अंजाम ईद है, सच्चाई पे चलो तो हर गम ईद है.. जिसने भी रखे रोजे, उन सबके लिए अल्लाह की तरफ से इनाम ईद है…
4. रात को नया चाँद मुबारक, चाँद को चाँदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक, सितारों को बुलन्दी मुबारक,
और आपको हमारी तरफ से ईद मुबारक….
5. मुबारक हो आपको खुदा की दी हुई यह जिंदगी, खुशियों से भरी रहे आपकी यह जिंदगी, गम का साया कभी आप पर ना आए दुआ है यह हमारी, आप सदा यूं ही मुस्कराएं, ईद मुबारक…
क्या है मान्यता:
बकरीद मनाने के पीछे एक मान्यता है. ईद उल अजहा को सुन्नते इब्राहीम भी कहा जाता है. इस्लाम के मुताबिक, अल्लाह ने इब्राहीम की परीक्षा लेने के लिए अपनी सबसे प्रिय चीज कुर्बान करने को कहा. इसके बाद इब्राहीम को लगा कि उनका सबसे प्रिय चीज तो उनका बेटा है इसलिए उन्होंने अपने बेटे को ही कुर्बान करने का सोच लिया.
इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय बेटे के प्रति उनका मोह आड़े आ सकता है. इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी. जब अपना काम पूरा करने के बाद पट्टी हटाई तो उन्होंने अपने पुत्र को अपने सामने जिन्दा खड़ा हुआ देखा. यही वजह है कि तब से अब तक कुर्बानी की प्रथा चलती आ रही है. हालांकि, इस मौके पर लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं.
बकरीद के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग काफी कुछ दान देते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गरीबों को दान करने से भला होता है. इस दिन लोग सारे गिले-शिकवे को भुलाकर एक-दूसरे को ईद की बधाई देते हैं. घर पर नाना प्रकार के पकवान भी बनते हैं.