नई दिल्ली : विघ्नहर्ता गणेश जी आपके घर जल्द ही आने वाले हैं और इसके लिए भक्तों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं, इस त्योहार को पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र, गोवा में इस त्योहार की एक अलग ही धूम देखने को मिलती है. 10 दिनों तक चलने वाला ये पर्व इस बार 11 दिनों तक चलेगा यानी इस बार बप्पा आपके घर पूरे 11 दिनों के लिए आएंगे.
भक्त अपने घरों में गणपति जी की मूर्ति को स्थापित करते हैं जिसके बाद भक्त गंगा जी में बप्पा की मूर्ति का विसर्जन करते हैं. भक्त हर दिन गणपति जी को नए-नए पकवान और मिठाईयों का भोग लगाते हैं. मिठाई में गणपति जी को मोदक का भोग जरूर लगाया जाता है. हिन्दू पौराणिक कथाओं की मुताबिक, गणपति जी को मोदक बेहद प्रिय हैं और यही कारण है कि उन्हें मोदकप्रिय भी कहा जाता है.
गणेश चतुर्थी 2017 पूजा के समय कितने मोदक रखें
आपके जहन में भी ये सवाल आ रहा होगा कि गणपति जी की पूजा करते समय पूजा की थाली में कितने मोदक रखने हैं तो बता दें कि 21 मोदक भोग लगाए जाने का विधान है. गणपति जी को भोग लगाने के बाद प्रसाद को सब लोगों में बांट दें.
क्या है मोदक के पीछे की कहानी
एक बार भगवान शिव और मां पार्वती के साथ गणपति जी अनुसूया के घर गए जो प्राचीन ऋषि अत्रि की पत्नी थी. गणपति जी और भगवान शिव को काफी तेज भूख लगी थी लेकिन अनुसूया ने शिव जी को थोड़ा इंतजार करने को कहा और साथ ही कहा कि जब तक गणपति जी की भूख शांत नहीं हो जाती तब तक वह उन्हें भोजन नहीं परोस सकती. विभिन्न तरीके के पकवान परोसने के बाद भी गणपति जी की भूख शांत नहीं हुई ये देखने के बाद वहां मौजूद सभी लोग हैरान थे.
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अनुसूया ने सोचा कि गणपति जी की भूख शांत नहीं हो रही तो उन्हें कुछ मीठा खिलाया जाए जिससे उनका पेट भर जाए. अनुसूया ने गणपति जी को मिठाई का एक टुकड़ा दिया जिससे खाने के बाद उन्हें डकार आ गया साथ ही उनकी भूख भी शांत हो गई. मां पार्वती ने अनुसूया से पूछा कि उस मिठाई का नाम क्या है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जो मिठाई मैंने गणपति जी को परोसी थी वह मोदक था.