नई दिल्ली : आज अजा एकादशी है, आप भी अगर कष्टों से मुक्ति का द्वार ढूंढ रहे हैं तो आपको व्रत रखकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. शास्त्रों के मुताबिक, आज ही के दिन राजा हरिश्चंद्र ने अजा एकादशी का व्रत किया था जिससे उसे अपना खोया हुआ परिवार और साम्राज्य फिर से प्राप्त हुआ था.
भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि कोई भी व्यक्ति अगर इस व्रत को करता है तो शीघ्र ही उसकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. आज ही वत्स द्धादशी भी है. एक बात का विशेष ध्यान रखें कि विष्णु भगवान को गाय और बछड़ों प्रिय हैं इसलिए इनका भी पूजन करना चाहिए, साथ ही इन्हें गुड़ और घास भी खिलाना चाहिए.
पूजा और व्रत विधि
1) जो भी व्यक्ति इस व्रत को रखना चाहता है उसे दशमी तिथि को सात्विक भोजन करना चाहिए जिसे व्रत के समय उनका मन शुद्ध रहे.
2) प्रात: उठने के बाद स्नान आदि के बाद मंदिर में भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाकर, फलों तथा फूलों से भक्तिपूर्वक पूजा करनी चाहिए.
3) पूजा के बाद विष्णु सहस्रनाम या फिर गीता का पाठ करना चाहिए.
4) व्रत के लिए दिन में निराहार एवं निर्जल रहने का विधान है लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि बीमार और बच्चे फलाहार कर सकते हैं.
5) रात्रि में भगवान विष्णु की पूजा के बाद जल और फल ग्रहण करें.
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अजा एकादशी का फल
जो भी व्यक्ति श्रृद्धा से अजा एकादशी व्रत रखता है उसके पिछले जन्म के पाप कट जाते हैं, ऐसा करने से इस जन्म में कष्टों से मुक्ति तो मिलती ही है लेकि साथ ही सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है. इतना ही नहीं, मृत्यप के बाद व्यक्ति को उत्तम लोक में स्थान प्राप्त होता है.