नई दिल्ली: सावन के महीने में भगवान भोले नाथ को खुश करने के तमाम इंतजाम किये जाते है. भगवान शिव को नागो का देवता भी माना जाता है. यही वजह है कि सावन के महीने में शुक्ल पक्ष पंचमी के दिन नाग पंचमी मनाई जाती जिससे भगवाम शिव प्रशन्न होते है.
नाग पंचमी के दिन नागों को कच्चा दूध पिलाया जाता है. मान्यता यह भी है कि आज के दिन नागदेव का दर्शन करना शुभ रहता है. सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की पंचमीं 14 जुलाई को और शुक्ल पक्ष की पंचमीं का व्रत 27 जुलाई को रखा जाता है.
नाग पंचमी के दिन स्नान करके साफ कपड़े पहनकर शंकर भगवान के मंदिर में जाया जाता है. जहां बाबा भोलेनाथ और नागों का विशेष अभिषेक होता है.
पूजा विधि
आज के दिन ऊं नम: शिवाय और महामृत्युंजय मंत्रों का सुबह-शाम जाप करने से भी भगवान शिव प्रशन्न होते है. इस दिन दीवार पर गेरू पोतकर पूजा का स्थान बनाया जाता है.
इसके बाद कच्चे दूध में कोयला घिसकर उससे गेरू पुती दीवाल पर घर जैसा बनाते हैं और उसमें अनेक नागदेवों की आकृति बनायी जाती है.
सेंवई-चावल कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, जल, कच्चा दूध, रोली आदि ताजा भोजन से नागपंचमी के दिन नागों का पूजन किया जाता है. इन दिनों सांप की पूजा करने से और ब्राह्मणों को भोजन कराने से सर्पो का भय नही रहता साथ ही भगवान शिव भी प्रशन्न होते हैं.