नई दिल्ली : दो दिन बाद 24 जून को शनिश्चरी अमावस्या है, 10 साल बाद आषाढ़ मास की शनिश्चरीय अमावस्या पर विशेष संयोग बन रहा है. इस दिन त्रिवणी स्थित शनि मंदिर में हजारों श्रद्धालु जुटेंगे. क्षिप्रा नदी में स्नान कर श्रद्धालु भगवान शनि के दर्शन करेंगे. प्रशासन ने भी इस आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं.
केशलेस होगा दान
पहली बार शनि मंदिर में केशलेस माध्यम से दान लिया जाएगा. कलेक्टर के निर्देश पर बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से शनिश्चरीय अमावस्या के मौके पर मंदिर में स्वैप कार्ड मशीन लगाई जाएगी. इसी के साथ पॉलीथिन के प्रयोग पर भी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. सुरक्षा के लिहाज से मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
एक ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 2007 में आषाढ़ में शनिश्चरीय अमावस्या का योग बना था और अब 24 जून को यही विशेष संयोग पूरे 10 साल बाद बन रहा है. इस साल के बाद 2037 में ऐसा संयोग बनेगा. अभी शनि की चाल वक्री है, ऐसे में अमावस्या पर शनिदेव और बाबा भैरव की पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ तो मिलेगा साथ ही शनि की दशा से भी राहत मिलेगी.