कुछ महिलाएं बड़ी भूल भी कर देती हैं. कभी-कभी मंदिरों में या फिर घर में देखने को मिलता है कि पूजा में चढ़ाए गए नारियल को महिलाएं ही फोड़ती नजर आती हैं.
नई दिल्ली: महिलाएं शुरू से ही पूजा-पाठ करने में विश्वास रखती हैं. हर दिन मंदिर जाना, भागवान की आरती करना तमाम सारे कार्य है जो महिलाओं की रूटीन में शामिल है. लेकिन इस दौरान कुछ महिलाएं बड़ी भूल भी कर देती हैं. कभी-कभी मंदिरों में या फिर घर में देखने को मिलता है कि पूजा में चढ़ाए गए नारियल को महिलाएं ही फोड़ती नजर आती हैं.
लेकिन सनातन परम्परा में प्रकृति को धर्म के साथ जोड़ा गया है. जहां जल, अग्नि, वायु, सभी को पवित्र स्थान दिया गया है. इसमें कुछ प्राकृतिक वस्तुओं को भी शामिल किया गया है. जिसमें फल, फूल को विशेष स्थान दिया गया है. बता दें कि हिन्दू धर्म में नारियल को बीज का स्वरूप माना गया है. इसे उत्पादन से जोड़कर देखा गया है.
स्त्रियां संतान उत्पत्ति की कारक होती है इसलिए उनके लिए नारियल फोड़ना वर्जित कर्म माना गया है. ऐसा करने वाली महिलाओं को संतान उत्पत्ति या संतान सुख से वचित होना पड़ सकता है.
दूसरा कारण ये भी कि नारियल फोड़ना बलि का प्रतीक है, जो कि हिंदू धर्म में ऐसा केवल पुरूष ही कर सकते हैं. इसके साथ ही महिलाओं को नारियल का पानी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं पर छिड़कने से बचना चाहिए. ये कार्य पुरूष से ही करवाना चाहिए.