नई दिल्ली : बुधवार यानी की कल बुद्ध पूर्णिमा या वैशाख पूर्णिमा बड़े ही हर्ष-उल्लास के साथ मनाई जाएगी. इस दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी.
इस दिन को लोग बेहद ही धूमधाम के साथ मनाते हैं क्योंकि विश्वभर में करोड़ो लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं. बता दें कि ऐसे कहा जाता है बुद्ध विष्णु भगवान के नौवें अवतार हैं. बुद्ध पूर्णिमा का त्यौहार हिंदुओं के लिए पवित्र माना जाता है.
कौन थे गौतम बुद्ध
गौतम बुद्ध भगवान का जन्म (563 ईसा पूर्व-निर्वाण 483 ईसा पूर्व) को हुआ, वह विश्व महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरु और उच्च कोटी के समाज सुधारक थे. वह बुद्ध प्राचीनतम धर्मों में से एक महान बौद्ध धर्म के संस्थापक थे.
उनका जन्म राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था, उनकी माता का नाम महामाया था, सात दिन बाद ही उनकी मां की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद महाप्रजापती गौतमी ने उनका पालन किया.
शादी के बाद वह संसार को दुखों से मुक्ति का मार्ग दिलाने के लिए पत्नी और बेटे को छोड़कर निकल गए थे. सालों कठोर साधना करने के बाद वह बोध गया (बिहार) में बोधी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए.
ऐसे करें पूजा
अलग-अलग देशों में ववहां के रीति-रिवाज के अनुसार ही पूजा की जाती है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन घर को फूलों से सजाने के बाद दीप जलाएं जाते हैं. पूजा पाठ करने के बाद बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है. वृक्ष की जड़ में दूध और सुगंधित पानी डालते हैं और दीपक जलाते हैं.