नई दिल्ली: नवरात्रि के इस महापर्व का नौवां और आखिरी दिन है. आज माता के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर इनका स्वागत किया जाता है. माना जाता है कि कन्याओं का देवियों की तरह आदर सत्कार और भोज कराने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख समृधि का वरदान देती हैं.
मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को देने वाली देवी हैं. आज के दिन मां सिद्धिदात्री का पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने से मां खुश होती हैं. आपकी सभी मनोकामना पूरी करती हैं. सिद्धिदात्री मां के चार हाथ हैं और ये माता कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं.
माता की पूजा करते समय उनका इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए इससे माता प्रसन्न होती हैं. ये मंत्र है..
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र पर्व के दौरान कन्या पूजन का बड़ा महत्व है. नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिबिंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्त का नवरात्र व्रत पूरा होता है. अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें भोग लगाकर दक्षिणा देने मात्र से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं.