नई दिल्ली : नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना की जाती है, अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं की पूजा का एक विशेष महत्व है. आज आष्टमी का दिन है और कल नवमी का, आज हम आपको अपनी खबर के माध्यम से कन्या पूजन के बारे में बताने जा रहे हैं.
इन दोनों दिन दो से 11 साल की बच्चियों की पूजा की जाती है. हम सभी कन्या पूजन तो करते हैं लेकिन क्या आप कन्या पूजन की सही विधि के बारे में अवगत हैं ?
शास्त्रों के मुताबिक, कन्या पूजन की विधि पर डालें एक नजर
1) कन्याओं को एक दिन पूर्व उनके घर जाकर निमंत्रण दें.
2) घर में कन्याओं के प्रवेश के समय उनपर फूलों डालकर उनका स्वागत करने के साथ-साथ मां दुर्गा के नौ नामों का जयकारा लगाएं.
3) प्रवेश के बाद कन्याओं को स्वच्छ जगह पर बिठाएं.
4) कन्याओं के पैरों को दूध से भरे थाल या स्वच्छ पानी से उनके पैर को धोएं.
5) इसके बाद उनके माथे पर कुंकुम लगाएं.
6) इसके बाद मां भगवती का ध्यान कर सभी कन्याओं को भोजन करवाएं.
7) भोजन के बाद अपने सामर्थ्य के मुताबिक, उपहार या दक्षिणा दें और फिर उनके पैरों को स्पर्श कर उनसे आशीष लें.
यहां जानें कितनी होनी चाहिए कन्याओं की संख्या
कन्याओं की संख्या कम से कम 9 होनी चाहिए, साथ ही एक बालक को बिठाने का भी प्रवधान है.