नई दिल्ली: आज नवरात्रि का तीसरा दिन है, आज के तीन मां दुर्गा के तीसरे रूप देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का चंद्रमा होता है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा नाम से जाना जाता है. आज के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि नवरात्रि में आज के दिन का क्या महत्व है.
यूं तो माता दुर्गा का हर रूप निराला है. लेकिन, माता चंद्रघंटा का रूप भक्तों का संकट हरने वाला है. आज की दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का होता है. मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने से शांति मिलती है.
मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का एक चंद्र सुशोभित होता है. मां के इस स्वरूप की पूजा करने से घर और मन में शांति आती है. साथ ही परिवार का कल्याण होता है. माता चंद्रघंटा को सफेद फूल बेहद पसंद हैं. देवी के परिवार के देवताओं की पूजा भी करें. नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है. माता चंद्रघंटा के दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है. मां चंद्रघंटा तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती है और ज्योतिष में इनका संबंध मंगल ग्रह से होता है.
इसके अलावा तीसरे दिन की पूजा का विधान थोड़ा अलग होता है. अगर मां को एक खास भोग लगाया जाए तो मां की कृपा बरसती है. मां को सफेद फूलों के साथ-साथ लाल फूल भी चढ़ाए जाते हैं, गुड़ और लाल सेब मां को बहुत पसंद आते हैं. मां को प्रसन्न करने के लिए घंटा और ढोल-नगाड़े बजाकर पूजा करना चाहिए. आरती के वक्त घंटा जरूर बजाएं. इस पूजा के बाद प्रसाद के रूप में गाय का दूध चढ़ाया जाता है.