इस महामंत्र के बिना अधूरी रह जाएगी मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा…

आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है, आज के दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा की पूजा करने से शांति और सुख की प्राप्ति होती है, हर कष्ट समाप्त हो जाता है.

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इस महामंत्र के बिना अधूरी रह जाएगी मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा…

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  • March 30, 2017 3:51 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है, आज के दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा की पूजा करने से शांति और सुख की प्राप्ति होती है, हर कष्ट समाप्त हो जाता है.
 
मां चंद्रघंटा की पूजा की विधि थोड़ी अलग है. आप चाहे कितने ही जतन से मां को प्रसन्न करने के लिए उनकी आराधना कर लें, लेकिन उनकी पूजा एक महामंत्र के बिना अधूरी ही कहलाएगी. वह महामंत्र है-  ‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:‘ ये मां का महामंत्र है जिसे पूजा पाठ के दौरान जपना होता है.
 
इसके साथ ही मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र जपना भी आवश्यक है, माला से मां का बीज मंत्र जपने से मां की कृपा जरूर मिलेगी. मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र है- ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’
 
मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप को प्रसन्न करने से शांति मिलती है. तीसरे दिन की पूजा का विधान थोड़ा अलग होता है. अगर मां को एक खास भोग लगाया जाए तो मां की कृपा बरसती है.
 
 
मां चंद्रघंटा को सफेद फूल बेहद पसंद हैं. इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए सफेद फूल की माला चढ़ाएं. माता चंद्रघंटा को सफेद फूल बेहद पसंद हैं. देवी के परिवार के देवताओं की पूजा भी करें. नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है. 
 

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