नई दिल्ली: मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है. नवरात्र के दूसरे दिन भगवती मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, अर्चना का विधान है. मां ब्रह्मचारिणी को इस प्रकार आप खुश कर सकते हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य के तप, त्याग, वैराग्य सदाचार, संयम की वृद्धि होती है तथा मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता. अपने पूर्व जन्म में वे हिमालय (पर्वतराज) के घर कन्या रूप में प्रकट हुई थीं. तब इन्होंने देवर्षि नारद जी के उपदेशानुसार कठिन तपस्या करके भगवान शंकर को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था.
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनोरथ सिद्धि, विजय एवं नीरोगता की प्राप्ति होती है और मां के निर्मल स्वरूप के दर्शन प्राप्त होते हैं. प्रेम युक्त की गई भक्ति से साधक का सर्व प्रकार से दु:ख-दारिद्र का विनाश एवं सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन साधक का मन स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होता है. इस चक्र में अवस्थित मन वाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है.
मां ब्रह्मचारिणी के लिए पूजा विधि…
मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए पूजा विधि इस प्रकार है…
इस दिन सुबह उठकर स्नान करके मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले या सफेद वस्त्र पहनें.
इसके अलावा इस दिन मां ब्रह्मचारिणी को सफेद वस्तुएं अर्पित करें, जैसे- मिश्री, शक्कर या पंचामृत.
इसके बाद दीपक जलाकर माता का ध्यान करें.
आरती करने के बाद मां ब्रह्मचारिणी को खुश खरने के लिए ‘‘ऊँ ऐं नम:’’ का जप करें.
इसके अलावा आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं…
दधाना कदपद्माभ्याममक्षमालाक कमण्डलु।
देवी प्रसिदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्त्मा।।