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नवरात्र 28 मार्च से शुरू, किस दिन करें कौन-सी देवी की पूजा और देखें मुहूर्त

नवरात्र का पावन और शुभ समय शुरू होने वाला है. इस साल चैत्र नवरात्र 28 मार्च से शुरू होंगे. इस पूजा की शुरुआत घटस्थापना से होगी. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 26 मिनट से लेकर 10 बजकर 24 मिनट तक है.

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  • March 22, 2017 11:52 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : नवरात्र का पावन और शुभ समय शुरू होने वाला है. इस साल चैत्र नवरात्र 28 मार्च से शुरू होंगे. इस पूजा की शुरुआत घटस्थापना से होगी. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 26 मिनट से लेकर 10 बजकर 24 मिनट तक है. 
 
नवरात्र की पूजा नौ दिनों तक की जाती है और हर दिन देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना होती है. एक साल में नवरात्र चार बार आते हैं. चैत्र, आषाढ़, अश्विन और माघ महीनों में चार बार मां दुर्गा के स्वरूपों की अराधना की जाती है. लेकिन, इन चारों में से चैत्र और अश्विन नवरात्र की सबसे ज्यादा मान्यता है. 
 
 
आने वाले नवरात्रों का महत्व इसलिए भी है क्योंकि चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रों के साथ ही हिंदू नवसंवत्सर यानी नया साल शुरू हो जाता है. माना जाता है कि इन नौ दिनों में दुर्गा के स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा करने से इच्छित फल की प्राप्ति भी हो​ती है. ऐसे में हम यहां बता रहे हैं कि इन नवरात्र में तिथि अनुसार कौन-सी देवी की अराधना कैसे करें और इसके क्या लाभ होंगे. 
 
चैत्र नवरात्र 2017: नवरात्रि में क्या करें
– 28 मार्च: नवरात्र के पहले दिन की शुरुआत घटस्थापना से होगी और इस दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. 
– 29 मार्च: नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिण की आराधना करें.
– 30 मार्च: चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाएगी.
– 31 मार्च: चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे रूप देवी कूष्मांडा की पूजा की जाएगी.
– 1 अप्रैल: पांचवे दिन भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की आराधना करें.
– 2 अप्रैल: नवरात्र के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा करनी होगी. 
– 3 अप्रैल: नवरात्र के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाएगी.
– 4 अप्रैल: चैत्र नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करें. इस दिन कन्या भी पूजी जाती है. 
– 5 अप्रैल: नौवें दिन भगवती के देवी सिद्धदात्री स्वरूप की आराधना की जाएगी. इस दिन भी कई लोग कन्या पूजन किया जाता है. साथ ही इस आखिरी दिन नवदुर्गा पूजा का अनुष्ठान पूरा हो जाता है. 
 

 

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