नई दिल्ली : आज पारसी समुदाय के लोग नवरोज को हर्ष और खुशियों के साथ मना रहे हैं. आपके जहन में ये सवाल आ रहा होगा की नवरोज का अर्थ है क्या ? तो आज हम आपको इसके बारे में अपनी खबर के जरिए बताने जा रहे हैं. नव का मतलब है नया और रोज यानि दिन.
ईरानी कैलेंडर के मुताबिक नवरोज का अर्थ है पहले महीने का पहला दिन. आज के दिन पारसी समुदाय के लोग प्रात: जल्दी उठकर तैयार होते हैं और साथ ही नव वर्ष की तैयारियों में जुट जाते हैं.
क्या है आज का महत्व
आज के दिन पारसी मंदिर में जाकर अगियारी में विशेष प्रार्थनाओं कर पिछले साल जो भी कुछ कमाया या पासा उसे लेकर ईश्वर का आभार प्रकट करते हैं. प्रार्थना करने के बाद सभी एक-दूसरे को बधाई देते हैं.
माना जाता है कि आज से लगभग 3 हजार साल पहले नवरोज मनाने की परंपरा आरंभ हुई. पूर्व शाह जमशेदजी ने पारसी धर्म में नवरोज मनाने की शुरुआत की थी. नव का मतलब है नया और रोज यानि दिन.
कैसे मनाया जाता है त्यौहार
इस त्यौहार को मनाने के लिए पारसी समुदाय के लोग अपने घर की सीढ़ियों पर रंगोली बनाते हैं, साथ ही घर में चंदन की लकड़ियों को रखा जाता है जिससे उनकी सुगंध घर में फैले उनका मानना है की ऐसा करने से हवा शुद्ध होती है. आज के दिन महमानों के आने-जाने का सिलसिला जारी रहता है.
कैसे शुरू हुई नवरोज को मनाने की परंपरा
नवरोज को मनाने की परंपरा करीब 3 हजार साल पूर्व शुरू हुई, पूर्व शाह जमशेदजी ने पारसी धर्म में इस त्यौहार को मनाने की शुरुआत की थी.