नई दिल्ली: आज पूरे देश में बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. ये त्योहार हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है.
आज से ही वृन्दावन सहित ब्रज के सभी तीर्थस्थलों में होली की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं.
इस त्योहार के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. पूरे भारत में इस दिन सरस्वती की पूजा होती है. इसके साथ ही पारंपरिक रूप से यह त्योहार शीत ऋतु के बीत जाने और खुशनुमा मौसम के शुरुआत होने के लिए भी सेलिब्रेट किया जाता है.
इसके अलावा यह त्योहार बच्चे की शिक्षा के लिए काफी शुभ माना गया है. इस दिन ज्यादातर लोग पीले कपड़े पहनना शुभ मानते हैं.
आज बसंत पंचमी के दिन से ही वृन्दावन सहित ब्रज के सभी तीर्थस्थलों में होली की तैयारियां शुरू हो जाती है. परंपरा के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ब्रज के सभी मंदिरों एवं चौराहों पर(जहां होली जलाई जाती है), होली का प्रतीक लकड़ी का टुकड़ा गाढ़ दिया जाता है. उसके बाद मंदिरों में प्रतिदिन होली के शास्त्रीय गीतों पर आधारित समाज गायन प्रारंभ हो जाता है.
बांके बिहारी मंदिर के राजभोग अधिकारी प्रणव गोस्वामी एवं गोपी गोस्वामी के अनुसार आज बसंत पंचमी के दिन होली का आगाज़ हो जाएगा. ब्रज में इस बार बरसाने की लट्ठमार होली फाल्गुन शुक्ला नवमी यानी छह मार्च को तथा नन्दगांव में सात मार्च को मनाई जाएगी. 13 मार्च को होलिका दहन वाले दिन फालैन तथा जटवारी गांव में पण्डे धधकती होली में से निकलेंगे.