नई दिल्ली. देश-दुनिया में दिवाली की जश्न के अगले दिन गोवर्धन पूजा का विधान. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है. इस दिन लोग श्रद्धा-भक्ति के साथ गाय के गोबर से गोवर्धन जी को बनाते हैं और उनकी पूजा करते हैं.
कैसे करें पूजा
सबसे पहले शरीर में तेल लगाकर स्नान करें. उसके बाद पूजन सामग्री के साथ पूजा स्थान पर बैठें और अपने कुलदेव का ध्यान करें. फिर पूजा स्थल पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं. उसमें वृक्ष, वृक्ष की शाखा एवं फूल आदी से सुशभित करें.
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त- 6 बजकर 36 मिनट से 8 बजकर 47 मिनट तक
गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त- 3 बजकर 21 से 5 बजकर 32 मिनट तक
अब इस मंत्र को पढ़ें
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
इसके बाद गायों को स्नान कराएं और उन्हें सिन्दूर आदी से सजाएं. उनकी सींग में घी लगाएं और गुड़ खिलाएं. फिर इस मंत्र का उच्चारण करें.
लक्ष्मीर्या लोक पालानाम् धेनुरूपेण संस्थिता।
घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु।।
इसके बाद शाम को इन्हीं गायों के गोबर से आंगन लीपें.