अयोध्या/लखनऊ। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आज से विधवत पूजा अनुष्ठान शुरू होने वाला है. प्रायश्चित पूजा से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत होगी। बता दें कि मैसूरू के शिल्पकार अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित करने के लिए चुनी गई है। नई प्रतिमा श्याम शिला से बनी है और इसका […]
अयोध्या/लखनऊ। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आज से विधवत पूजा अनुष्ठान शुरू होने वाला है. प्रायश्चित पूजा से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत होगी। बता दें कि मैसूरू के शिल्पकार अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित करने के लिए चुनी गई है। नई प्रतिमा श्याम शिला से बनी है और इसका वजन 150 से 200 किलो के बीच है। रामलला की प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। देखें पूरा कार्यक्रम।
16 जनवरी- राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की रस्में आज से शुरू हो जाएंगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से नियुक्त यजमान सबसे पहले प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे। इसमें यजमानों की तरफ से सरयू नदी के तट पर दशविध स्नान, विष्णु पूजा और गाय का तर्पण किया जाएगा।
17 जनवरी- 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति लेकर जुलूस अयोध्या पहुंचेगा। बता दें कि मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर जाएंगे।
18 जनवरी- इस पूरे समारोह में 18 जनवरी का दिन सबसे खास होगा। इस दिन गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा होगी। इसके बाद गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा।
19 जनवरी- इस दिन यहां पवित्र अग्नि जलेगी। इसके बाद नवग्रह की स्थापना तथा हवन किया जाएगा।
20 जनवरी- 20 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू जल से पवित्र किया जाएगा, इसके बाद यहां वास्तु शांति तथा अन्नाधिवास अनुष्ठान का आयोजन होगा।
21 जनवरी- इस दिन गर्भगृह में स्थापित रामलला की मूर्ति को 125 कलशों से स्नान कराया जाएगा तता फिर अंत में उनको समाधि दी जाएगी।
22 जनवरी- 22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे से 1 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा और रामलला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा। इससे पहले समारोह के लिए आमंत्रित लोगों के साथ 100 से अधिक चार्टर्ड जेट अयोध्या में उतरेंगे। इस दिन समारोह में 150 देशों के भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है।