Rajasthan Assembly Election Results 2018 Vote Seat Share Data Analysis: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में नोटा ने बहुत कमाल किया है. नोटा को मिले वोट इतने रहे कि कई सीट पर वो अगर हारे कैंडिडेट को मिल जाते तो वो जीत जाता. मध्य प्रदेश में करीब दो दर्जन ऐसी सीटें दिखीं. राजस्थान में बीजेपी 7 और कांग्रेस 13 सीटें नोटा से कम वोट के मार्जिन से हारी है.
नई दिल्ली. नोटा का सोंटा अब हर चुनाव में चलने लगा है. मध्य प्रदेश में करीब दो दर्जन सीटों पर हार-जीत का मार्जिन नोटा से कम था जो हारने वालो को मिल जाते तो वो जीत जाता. ऐसे ही राजस्थान में भी हुआ है और यहां तो नोटा से कम वोट के अंतर से बीजेपी ने 7 तो कांग्रेस ने 13 सीटें गंवाई है. बीजेपी अगर ये 7 सीटें जीत भी जाती तो वसुंधरा राजे सिंधिया की सरकार दोबारा नहीं बन पाती लेकिन कांग्रेस अगर ये 13 सीट जीत जाती तो सीएम अशोक गहलोत बनें या सचिन पायलट, उनके पास कांग्रेस का मजबूत बहुमत होता.
200 सीटों वाले राजस्थान में 199 सीट पर चुनाव हुए थे और कांग्रेस 99 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है और सामान्य बहुमत से 2 सीट पीछे है. सरकार कांग्रेस की बनी तो बची हुई एक सीट पर जब भी चुनाव हो वो सीट कांग्रेस अपने पाले में लाकर अपनी ताकत 100 तक ले जा सकती है. पर सरकार के लिए बहुमत की चिंता कांग्रेस को नहीं है क्योंकि बीएसपी के 6 विधायक उसके साथ हैं. सीपीएम ने 2 सीट जीती है जो कांग्रेस के ही पीछे होंगे. 13 निर्दलीय में कुछ बीजेपी के बागी हैं तो कुछ कांग्रेस के जिनमें ज्यादातर सरकार के साथ रहना पसंद करेंगे.
नोटा से कम वोट के अंतर से बीजेपी जो 7 सीटें हारी है उनमें चितौड़गढ़ जिले की बेगुन सीट, बाड़मेर जिले की छोटन और पचपाड़ा सीट, सीकर जिले की दंतारामगढ़ सीट, झुंझनू जिले की खेतरी सीट, पाली जिले की मारवाड़ जंक्शन सीट और पोखरण सीट शामिल है. कांग्रेस नोट से कम वोट से 13 सीट हारी है जिसमें आसींद, छबड़ा, चुरू, घाटोल, खानपुर, मरकाना, मालवीय नगर, पीलीबंगा, चोमु, बूंदी और सिवाना सीट शामिल हैं.
राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच 25 साल से एक के बाद एक सरकार बनाने की रवायत चल रही है. कोई पार्टी लगातार दोबारा सरकार नहीं बना पाई है. अगली सरकार के सीएम पर घमासान मचा है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने की जिद पर अड़ने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों को दिल्ली बुला लिया है. गुरुवार की सुबह राहुल गांधी से पायलट और गहलोत मिलेंगे और फिर पार्टी आलाकमान तय करेंगे कि राजस्थान कौन चलाएगा.