देश-प्रदेश

शुक्रवार से संसद का शीतकालीन सत्र, FRDI बिल और GST पर हंगामे के आसार

नई दिल्ली: शुक्रवार 15 दिसंबर से संसद में शीतकालीन सत्र शुरू किया जाएगा. इस बार सत्र में विपक्ष कई बड़े मुद्दो पर सरकार को घेरता नजर आ सकता है, जिसमें FRDI बिल, तीन तलाक बिल, नोटबंदी के प्रभाव और जीएसटी जैसे मुद्दे मुख्य रूप से शामिल हो सकते है. दरअसल, इस बार सरकार पहले ही सत्र को देरी से शुरू करने पर विपक्षी दलों का तीखा हमला झेल रही है. हालांकि, देरी के मामले में सरकार अपना बचाव करते हुए कह चुकी है कि यह पहला मामला नहीं है जब विधानसभा चुनावों के चलते संसद के सत्र को आगे बढ़ाया हो. पहले भी दूसरी सरकारों ने ऐसे अवसरों के चलते सत्र शुरू करने में देरी की है. गौरतलब है कि 15 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र से पहले सरकार ने सत्र के दौरान संसद का कामकाज सुचारू रूप चलाने और कई अलग मुद्दों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को एक बैठक भी बुलाई है.

इस बार शीतकालीन सत्र 22 दिन चलने वाला है जिसमें कुल 14 बैठके होंगी. इस बार बैठक में 25 विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है जिसमें से 14 नए विधेयक होंगे. सरकार का वस्तु एवं सेवा कर अध्यादेश 2017 के स्थान पर विधेयक लाने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही ऋण शोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2017 के स्थान पर भी विधेयक लाने का प्रस्ताव है. वहीं सरकार ने भारतीय वन (संशोधन) अध्यादेश, 2017 के स्थान पर भी विधेयक लाने का प्रस्ताव किया है. वहीं केंद्र सरकार सत्र के दौरान फाइनेंशियल रिजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (FRDI) 2017 को संसद में पेश कर सकती है. बीते अगस्त माह में FRDI बिल को लोकसभा में पेश किया गया था. जिसे बाद में जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी को भेज दिया गया था. कमेटी की रिपोर्ट इस सत्र में आ सकती है.

इसके साथ ही सरकार तीन तलाक मामले में नया कानून बनाने के लिए भी विधेयक पेश करेगी. सरकार का पिछड़े वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले संविधान मामले को भी पेश करेगी. सत्र के दौरान ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकार संरक्षण विधेयक, नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 और मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2016 को परित करने के लिए सरकार जोर दे सकती है. दूसरी तरफ, कांग्रेस पार्टी जीएसटी और नोटबंदी और राफेल समझौते के मामले में मोदी सरकार को निशाना बना सकती है. वहीं सत्र के दौरान 18 दिसंबर को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों का परिणाम आएंगे, जिसका सीधा असर भी सत्र में देखने को मिल सकता है. वहीं इस मामले में संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सत्र के दौरान सरकार हर नियमों के तहत हर एक मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार है. बीजेपी सरकार गरीबों की हितैषी सरकार है. इसके आगे उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान विपक्ष को अपनी बात रखते हुए नियमों के अनुसार चर्चा करनी चाहिए.

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Aanchal Pandey

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