क्या झारखंड में बदलेगी सरकार, भाजपा संग जाकर कम होंगी हेमंत सोरेन की मुश्किलें?

रांची, राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर जो दांव खेला है उससे कहीं न कहीं सभी राज्यों के समीकरण बिगड़ गए हैं. झारखंड भी इन्हीं में से एक है, कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विपक्ष को बड़ा झटका देते हुए आदिवासी महिला […]

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क्या झारखंड में बदलेगी सरकार, भाजपा संग जाकर कम होंगी हेमंत सोरेन की मुश्किलें?

Aanchal Pandey

  • July 15, 2022 7:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

रांची, राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर जो दांव खेला है उससे कहीं न कहीं सभी राज्यों के समीकरण बिगड़ गए हैं. झारखंड भी इन्हीं में से एक है, कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विपक्ष को बड़ा झटका देते हुए आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर दिया है. पहले राज्यसभा और फिर राष्ट्रपति चुनाव में जिस तरह सत्ताधारी गठबंधन में दरार पैदा हुई है, उसके बाद जल्द ही यहां तख्तापलट होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

पिछले दिनों झारखंड को 16800 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी और हेमंत सोरेन के बीच जिस तरह मधुरता दिखी उसे भी इसी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने पर जांच एजेंसियों का फंदा कसा हुआ है, वहीं दबी जुबान में कांग्रेस के कुछ नेता यह कहते हैं कि सोरेन भाजपा के साथ जाकर जांच एजेंसियों के चंगुल के पीछा छुड़ाने चाहते हैं.

क्या सोरेन के समर्थन से बदलेंगे समीकरण

यूपीए में शामिल कांग्रेस और आरजेडी ने विपक्ष के उम्मीदवार झारखंड के निवासी यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का ऐलान किया है, इसी कड़ी में शुरुआत में झामुमो ने भी यशवंत के नाम पर सहमति जताई थी, लेकिन भाजपा की ओर से आदिवासी नेता और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान किए जाने के बाद समीकरण बदल गए और कांग्रेस की चाह धरी की धरी रह गई. यदि द्रौपदी मुर्मू चुनाव जीतती हैं तो वह देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी होंगी, वहीं झारखंड में आदिवासियों की एक बड़ी आबादी है और खुद को इनकी सबसे हितैषी पार्टी के रूप में पेश करने वाली जेएमएम को मुर्मू के खिलाफ जाने पर राजनीतिक तौर पर बड़े नुकसान की अटकलें थी. बता दें मुर्मू और सोरेन दोनों संताल समुदाय से आते हैं, जिसकी झारखंड और पड़ोसी राज्य ओडिशा में बड़ी आबादी है.

 

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