नई दिल्ली: अगले ही साल लोकसभा चुनाव हैं जिससे पहले OBC का मुद्दा उठना अनिवार्य है. बता दें, भाजपा और कांग्रेस के बीच OBC विवाद काफी समय से चल रहा है. भाजपा के हमले के बाद कांग्रेस ने बीजेपी को OBC विरोधी करार दिया है. दूसरी ओर कांग्रेस देश में लगतार जातिगत जनगणना करवाने की […]
नई दिल्ली: अगले ही साल लोकसभा चुनाव हैं जिससे पहले OBC का मुद्दा उठना अनिवार्य है. बता दें, भाजपा और कांग्रेस के बीच OBC विवाद काफी समय से चल रहा है. भाजपा के हमले के बाद कांग्रेस ने बीजेपी को OBC विरोधी करार दिया है. दूसरी ओर कांग्रेस देश में लगतार जातिगत जनगणना करवाने की मांग कर रही है साथ ही कांग्रेस की मांग है कि आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए.
बता दें, कांग्रेस पहले ही ओबीसी को लेकर भाजपा को कटघरे में खड़ा कर चुकी है. अब आने वाले विधानसभा चुनावों के साथ-साथ लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस मेगा प्लान बनाकर मैदान में उतरने वाली है. खबर है कि राहुल और खरगे जल्द ही पार्टी नेशनल OBC कन्वेंशन बुलाने की तैयारी में हैं. दूसरी ओर पार्टी ने हर राज्य में OBC विभाग से ओबीसी वर्ग की मांगों की लिस्ट भी मांगी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इन्हीं मांगों को लेकर आगे चुनावी दाव खेलेगी. दरअसल कांग्रेस इन मांगों को लेकर अपना चुनावी मैनिफेस्टो तैयारी कर सकती है.
गौरतलब है कि कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार से ओबीसी समुदाय के लिए अलग मंत्रालय बनाने की मांग भी कर रही है. इसके अलावा कांग्रेस ने अपने प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी 4 में से तीन ओबीसी मुख्यमंत्रियों को दी है. लगातार भाजपा को ओबीसी विरोधी बताना और कांग्रेस की बाकी की रणनीति इस ओर इशारा करती है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ओबीसी दाव खेलेगी. बता दें, झारखंड और छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण में वृद्धि की है. अब इन राज्यों में ओबीसी वर्ग के लिए 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी आरक्षण कर दिया गया है. हालांकि राज्यपाल ने इस आरक्षण को रोक दिया है.
कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व अध्यक्ष, झारखंड कांग्रेस ने इस मामले में कहा कि भाजपा वाले जातिगत जनगणना नहीं करवाना चाहते हैं. इसलिए उनके बनाए राज्यपाल ओबीसी वर्ग का आरक्षण बढ़ाने को रोक रहे हैं.
Cyclone Biparjoy :गुजरात तट पर पहुंचा बिपरजॉय तूफान, हवा की रफ्तार 125 किमी. प्रति घंटा