नई दिल्ली. राहुल गांधी ने विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की. यह पार्टी में फैसला लेने वाली सबसे बड़ी कमिटी है. इसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और यूपीए चीफ सोनिया गांधी भी मौजूद थीं. इसका गठन 17 जुलाई को किया गया था, जिसमें कुल 23 सदस्य हैं. इनमें 19 स्थायी आमंत्रित और 9 विशेष आमंत्रित सदस्य होते हैं. इस बैठक में 2019 आम चुनावों के लिए कांग्रेस की रणनीति तय की गई. पार्टी के विभिन्न नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी. लेकिन सवाल उठता है कि क्या बैठक में कोई नेता राहुल गांधी से यह कह पाएगा कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान आंख मारकर सब किए कराए पर पानी फेर दिया. एक पार्टी की रूपरेखा उसके लीडर से तय होती है.
राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अच्छी स्पीच दी. इसमें राफेल को लेकर उन्होंने यहां तक कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति से उनकी मुलाकात भी हुई थी, जिन्होंने कहा कि विमान की कीमत बताने को लेकर दोनों देशों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है. इस पर फ्रांस को भी बयान जारी करना पड़ा. लेकिन राहुल अपने बयान पर डटे रहे.
भाषण के बाद राहुल गांधी सीट से उठकर पीएम नरेंद्र मोदी के पास गए और उनसे गले मिले. राहुल गांधी की तरफ से एेसी उम्मीद शायद ही किसी को रही होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के नेता भी यह देखकर दंग रह गए. गले मिलने के बाद जब राहुल गांधी जाने लगे तो प्रधानमंत्री ने उन्हें वापस बुलाया और हाथ मिलाकर पीठ थपथपाई. देश भर के चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक उस दिन गले मिलने की तस्वीर छाई रही. लेकिन एक नेता के लिए भाषण के अलावा बॉडी लैंग्वेज भी उतनी ही जरूरी है.
गले मिलने और भाषण के लिए राहुल की जितनी तारीफ हुई, उतनी ही फजीहत संसद में आंख मारने को लेकर सहनी पड़ी. लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी उनके इस बर्ताव पर सवाल उठाए. लेकिन क्या वर्किंग कमिटी में कोई नेता यह कहने की हिम्मत दिखाएगा कि आपने सब कुछ सही किया, लेकिन आंख मारने से न सिर्फ बीजेपी बल्कि लोगों को भी आपका पीएम मोदी से गले मिलना स्क्रिप्टेड लगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में राहुल गांधी के इस बर्ताव की जमकर धज्जियां उड़ाईं और हरकत को बचकाना कहा. उन्होंने कहा कि उनको यहां तक (प्रधानमंत्री की कुर्सी) पहुंचने की इतनी जल्दी है कि सुबह मेरे पास आए और कहा, उठो, उठो, उठो. राहुल गांधी के शिव भक्ति वाले बयान पर भी पीएम ने चुटकी ली.
अगर कांग्रेस की सबसे पावरफुल बाॅडी कांग्रेस वर्किंग कमिटी में शामिल किसी नेता में इतना साहस नहीं है कि वो उठकर राहुल गांधी की आंखों में आंख डालकर ये कह सके कि आम कांग्रेसी और जनता को मोदी से गला मिलने के बाद उनका आंख मारना पसंद नहीं आया तो राहुल गांधी और उनके नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी को लेकर ये शिकायत करना बंद कर देना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी में सिर्फ दो लोगों की चलती है.
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