Why Tej Pratap Upset from RJD Family: बिहार में लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजे़डी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में फूट पड़ गई है. लालू के बड़े बेटे तेजस्वी यादव खुले तौर पर भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं. तेज प्रताप ने छात्र आरजेडी के संरक्षक पद से भी इस्तीफा दे दिया है. तेज प्रताप चाहते हैं कि बिहार की दो लोकसभा सीटों पर वे अपने चहेतों को टिकट दें.
नई दिल्ली: बिहार में लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में कलह खुलकर सामने आ गई है. लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपने भाई तेजस्वी यादव से लंबे समय से खफा चल रहे थे. गुरुवार सुबह ही खबर आई कि तेज प्रताप ने तेजस्वी को दरकिनार कर अलग से बिहार की दो सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए. बताया गया कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे. इसके बाद गुरुवार दोपहर बाद तेज प्रताप यादव ने छात्र (आरजेडी) के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तेज प्रताप बिहार की जहानाबाद लोकसभा सीट से चंद्रप्रकाश और शिवहर सीट से अंगेश सिंह को प्रत्याशी बनाना चाहते हैं. ऐसे में उन्होंने दोनों को आरजेडी का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया. बाद में अंदरखाने से उन्हें मनाने की कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली.
अब तेज प्रताप खुले तौर पर बगावत पर उतर आए हैं. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि वे छात्र आरजेडी के संरक्षक पद से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने यह भी लिखा कि वे लोग नादान हैं जो उन्हें नादान समझते हैं, कौन कितना पानी में है उन्हें सबकी खबर है. इसके जरिए उनका सीधा निशाना अपने भाई तेजस्वी यादव पर है.
https://twitter.com/TejYadav14/status/1111229882535694337
इससे पहले भी पर्दे के पीछे से तेज प्रताप आरजेडी के अंदर खुद की अनदेखी की बात करते रहे हैं. पिछले साल बीजेपी नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद यादव के परिवार पर तेज प्रताप की अनदेखी का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि लालू का परिवार तेज प्रताप के साथ अन्याय कर रहा है.
दरअसल यह सब बिहार में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से शुरू हुआ. उस दौरान राज्य में आरजेडी-जेडीयू गठबंधन की सरकार बनी थी. उस समय लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. वहीं बड़े बेटे तेज प्रताप को स्वास्थ्य मंत्री बनाया. इससे अंदर ही अंदर तेज प्रताप हताश रहे कि उन्हें सरकार में छोटे भाई से कम दर्जा दिया गया.
इसके बाद जब लालू प्रसाद यादव को जेल हुई तो बाहर तेजस्वी यादव ने आरजेडी का मोर्चा संभाला. बिहार में विपक्ष की भूमिका से लेकर लोकसभा चुनाव में महागठबंधन तक तेजस्वी यादव में आरजेडी से अग्रिम नेता दिखने लगे. ऐसे में धीरे-धीरे तेज प्रताप खुद को राजनीतिक तौर पर तेजस्वी यादव से पीछे मानने लगे. यही कारण रहे कि अब तेज प्रताप अपने भाई और परिवार के खिलाफ खुले तौर पर बगावत पर उतर आए हैं.
अब ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं तेज प्रताप का रूठना निश्चित तौर पर आरजेडी को नुकसान पहुंचा सकता है. हालांकि तेजस्वी समेत आरजेडी के आला नेता तेज प्रताप को मनाने में लगे हुए हैं. लेकिन बताया जा रहा है कि वे अपनी जिद पर अड़े हैं और लोकसभा कैंडिडेट के नामों में खुद की भागीदारी चाहते हैं.