नई दिल्ली. देश की राजधानी में बड़े-बड़े वादों के साथ सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली देकर दिल्ली की जनता को खुश कर दिया था। लेकिन अब आप सरकार अपने नियमों मे बदलाव कर दिल्ली वासियों को चौंका दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मई माह में घोषणा […]
नई दिल्ली. देश की राजधानी में बड़े-बड़े वादों के साथ सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली देकर दिल्ली की जनता को खुश कर दिया था। लेकिन अब आप सरकार अपने नियमों मे बदलाव कर दिल्ली वासियों को चौंका दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मई माह में घोषणा की थी कि 1 अक्टूबर 2022 से दिल्ली सरकार सिर्फ मांगने वालों को बिजली सब्सिडी प्रदान करेगी। अब लोग बतायेंगे कि उन्हें सब्सिडाईज्ड बिजली की जरूरत है या नहीं। यह फैसला दिल्ली कैबिनेट की बैठक के बाद लिया गया था।
आम आदमी पार्टी के ऑफिसियल ट्वीटर हैंण्डल से कल किये एक ट्वीट में बताया गया है कि दिल्ली वासियों की मांग पर अरविंद केजरीवाल ने यह फैसला लिया है कि 15 नवंबर 2022 तक आवेदन करने वालो को भी 1 अक्टूबर से बिजली सब्सिडी मिलेगी। ट्वीट में यह भी बताया गया है कि अब तक 34.84 लाख उपभोक्ता सब्सिडी के लिए आवेदन कर चुके हैं। पुरानी व्यवस्था 30 सितम्बर तक लागू थी।
दिल्ली सरकार द्वारा लिये गये इस फैसले के पीछे का कारण एक सुझाव को बताया गया है। जिसके अनुसार आर्थिक रूप से मजबूत परिवारों को सब्सिडी देने के बजाय इस धन का उपयोग स्कूलों और अस्पतालों के लिये किया जाना चाहिए। राजधानी में कुल 58.18 लाख बिजली उपभोक्ता हैं और मौजूदा समय में बिजली सब्सिडी का लाभ लेने वाले परिवारों की संख्या लगभग 47,11,176 है।
अरविंद केजरीवाल का कहना है कि कुछ लोगों की मांग थी कि हम बिजली बिल दे सकते हैं तो हमें क्यों सब्सिडी दी जा रही है? हमें विक्ल्प मिलना चाहिए कि हम चाहें तो पे करें, न करना चाहें तो न करें। केजरीवाल ने कहा कि ऐसी मांग जायज थी इसलिए हमने इस व्यवस्था को लागू किया है।
अरविंद केजरीवाल ने बताया है कि 16-17 लाख परिवार ऐसे हैं जिनके आधे बिल आते हैं और 30 लाख परिवारों को मुफ्त बिजली मिल रही है।
मार्च महीने में रिपोर्ट्स में बताया गया था कि राजधानी दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। ऊर्जा विभाग ने इस बार बिजली सब्सिडी के लिए खर्च का जो प्रस्ताव भेजा है, वह 3250 करोड़ रुपये का है। मुफ्त बिजली योजना जारी रखने पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकारी खजाने पर 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ने की भी बात कही गई थी।
भारतीय जनता पार्टी बार–बार आप सरकार द्वारा किए जाने वाले मुफ्त बिजली के वादे को एक जाल बताती है। बीजेपी के विजय गोयल जैसे नेता दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही 200 यूनिट फ्री बिजली योजना को सत्ता में आने पर समाप्त करने की वकालत करते नज़र आते हैं।
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