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बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते… अखिलेश से टूटा आजम का मन, कर चुके अंतिम फैसला

लखनऊ, सीतापुर जेल में करीब ढाई साल से बंद आजम खान का मन अब अखिलेश यादव की तरफ से उठ चुका है. दरअसल, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत समाजवादी पार्टी के नेताओं से मिलने से आजम खान ने साफ़ इनकार कर दिया है. आजम खान के मुलाक़ात से इनकार करने के बाद सियासी गलियारें में […]

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बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते… अखिलेश से टूटा आजम का मन, कर चुके अंतिम फैसला
  • April 25, 2022 4:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

लखनऊ, सीतापुर जेल में करीब ढाई साल से बंद आजम खान का मन अब अखिलेश यादव की तरफ से उठ चुका है. दरअसल, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत समाजवादी पार्टी के नेताओं से मिलने से आजम खान ने साफ़ इनकार कर दिया है. आजम खान के मुलाक़ात से इनकार करने के बाद सियासी गलियारें में हलचल तेज हो गई है. माना जा रहा है कि आजम खान अब अखिलेश यादव की दलीलें सुनने के मूड में नहीं हैं और अपना अंतिम फैसला ले चुके हैं.

गौरतलब है, जिस आजम खान ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सपा नेताओं से मुलाकात करने से इनकार कर दिया, उसी आजम खान ने हाल ही में शिवपाल यादव से एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत की थी. ज़ाहिर है, आजम खान अब समाजवादी पार्टी से कोई नाता नहीं रखना चाह रहे हैं. ऐसे में, शिवपाल और आजम खान की मुलाकात के बाद से ही अटकलें हैं कि दोनों नेता एक साथ बहुत जल्द किसी नए मोर्चे का ऐलान कर सकते हैं. दोनों ही नेताओं की सपा कार्यकर्ताओं पर बेहद मजबूत पकड़ है और दोनों ही अखिलेश यादव से बेहद नाराज चल रहे हैं. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, इस समय दोनों नेताओं का एक ही लक्ष्य है, और वो है अखिलेश यादव से अपनी उपेक्षा का बदला लेना.

हालात काबू करने में जुटे अखिलेश

विधानसभा चुनाव के नतीजों के ठीक बाद से ही सपा में कई तरफ से बगावत की आवाज़ बुलंद हो रही है. शुरुआत में तो अखिलेश यादव इसे बेहद हल्के में लेते रहे, लेकिन चाचा शिवपाल की आजम खान से मुलाकात के बाद अचानक अखिलेश यादव चिंता में पड़ गए हैं. खबरों की मानें तो अखिलेश ने पार्टी के कुछ नेताओं को संदेश देकर सीतापुर जेल भेजा, लेकिन आजम खान की सहमति नहीं मिलने की वजह से इन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा. बताया जा रहा है कि आजम खान की नाराजगी इस बात को लेकर और बढ़ गई कि बात करने के लिए खुद अखिलेश नहीं आए, बल्कि उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं को मिलने भेजा.

 

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