Moin Qureshi and CBI Feud: सीबीआई में झगड़े की वजह बना मोइन कुरैशी, 2014 की रैली में नरेंद्र मोदी ने साधा था निशाना

Moin Qureshi and CBI Feud: सीबीआई में जारी जंग के बीच बुधवार को जांच एजेंसी के प्रमुख आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया है. नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया है. इस पूरे विवाद में जो नाम सामने आ रहा है वह है मोइन कुरैशी. आखिर कौन है मीट कारोबारी मोइन कुरैशी जिसकी वजह से सीबीआई दो धड़ों में बंट गई है?

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Moin Qureshi and CBI Feud: सीबीआई में झगड़े की वजह बना मोइन कुरैशी, 2014 की रैली में नरेंद्र मोदी ने साधा था निशाना

Aanchal Pandey

  • October 24, 2018 6:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः Moin Qureshi and CBI Feud: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) यानी देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी में दो शीर्ष अधिकारियों के बीच मचे घमासान के बाद एक बार फिर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी का मामला उछल गया है. सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना, जो अब छुट्टी पर भेजे जा चुके हैं के बीच हुए पूरे विवाद की वजह मोइन कुरैशी ही है. राकेश अस्थाना के खिलाफ सीबीआई ने जो FIR दर्ज की है उसमें उन पर मोइन कुरैशी के सहयोगी कहे जा रहे हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना से 3 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. सतीश सना की शिकायत पर ही सीबीआई ने अपने स्पेशल डायरेक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया.

खुद पर FIR दर्ज होते ही राकेश अस्थाना ने चीफ आलोक वर्मा पर एक के बाद एक कई संगीन आरोप लगाए. अस्थाना ने बताया कि 24 अगस्त को उन्होंने इस मामले की पूरी जानकारी कैबिनेट सचिव को दी थी. उन्होंने कहा था, ‘मैंने कैबिनेट सचिव को अगस्त माह में इन अधिकारियों के भ्रष्टाचार (10 उदाहरण), संवेदनशील मामलों की जांच में हस्तक्षेप करने और आपराधिक कदाचार की जानकारी दी थी. मोइन कुरैशी केस में हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना के खिलाफ चल रही जांच को नाकाम करने के लिए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने दो करोड़ रुपये की रिश्वत ली है. सतीश सना को देश छोड़ने से मना करने और जांच के दायरे में लाने पर मेरे खिलाफ ही साजिश रच दी गई.’ आखिर कौन है मोइन कुरैशी जिसकी वजह से सीबीआई में ही आपस में जंग छिड़ गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोइन अख्तर कुरैशी कानपुर का मीट कारोबारी है. मोइन कुरैशी ने 12वीं तक की पढ़ाई देहरादून के दून स्कूल से और इसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. साल 1993 में उसने उत्तर प्रदेश के रामपुर में छोटे स्तर पर मीट का कारोबार शुरू किया. उसने रामपुर में एक बूचड़खाना लगाया. कारोबार चल पड़ा और देखते ही देखते वह मीट का बड़ा कारोबारी बन गया. उसकी दो दर्जन से ज्यादा कंपनियां देश-विदेश में मीट एक्सपोर्ट करने लगीं. उसकी मुख्य कंपनी का नाम AMQ एक्सपोर्ट है. मोइन कुरैशी ने मीट के कारोबार के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन और फैशन के क्षेत्र में भी हाथ डाला. मोइन की बेटी पर्निया जोकि मॉडल और फैशन डिजाइनर है, उसके फैशन से जुड़े बिजनेस को संभालती है.

2011 में उसने बेटी की शादी लंदन के एक बड़े सीए अजीत प्रसाद के बेटे अर्जुन प्रसाद से की थी. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद के रिश्तेदार हैं. मोइन कुरैशी बेटी की धूमधाम से शादी करने की वजह से वह सुर्खियों में आया था. दरअसल उसने शादी में पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान को बुलाया था. उस समय दिल्ली एयरपोर्ट पर जांच एजेंसियों ने राहत फतेह अली खान के पास 56 लाख विदेशी करेंसी पाए जाने पर हिरासत में लिया था. साल 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले कुरैशी के अलग-अलग ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी. कुरैशी से कनेक्शन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा जाने लगा. 18 अप्रैल, 2014 को तत्कालीन पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने यूपी के अकबरपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कुरैशी का मुद्दा उठाया.

नरेंद्र मोदी ने सीधे आरोप लगाते हुए कहा था कि सोनिया गांधी की वजह से मोइन कुरैशी बचता आया है. उन्होंने मोइन कुरैशी मामले को एक बड़ा घोटाला बताया और जांच की मांग की थी. बीजेपी के सत्ता में आने के बाद साल 2015 में ईडी ने कुरैशी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केस दर्ज किया. दूसरी ओर आयकर विभाग भी कई मामलों में कुरैशी के खिलाफ जांच कर रहा था. 2016 में दुबई भागने की फिराक में रहे मोइन कुरैशी को पकड़ लिया गया था. कुरैशी के सीबीआई के दो पूर्व डायरेक्टर्स रंजीत सिन्हा और एपी सिंह से भी रिश्ते होने की बात सामने आई थी. केस की जांच कर रही एजेंसियों के हाथ एपी सिंह और कुरैशी के बीच मैसेज के जरिए हुई बातचीत लग गई. जिसके बाद एपी सिंह को UPSC के सदस्य पद से इस्तीफा देना पड़ा. फिलहाल मोइन कुरैशी के खिलाफ जांच बदस्तूर जारी है.

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