Who is Keshav Prasad Maurya: हारकर जीतने वाले को केशव मौर्य कहते हैं, जानें कौन है केशव मौर्य

Who is Keshav Prasad Maurya लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड जीत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं, यूपी में बतौर सीएम ये योगी आदित्यनाथ का दूसरा कार्यकाल होगा. योगी आदित्यनाथ के सीएम पद की शपथ लेने के बाद केशव […]

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Who is Keshav Prasad Maurya: हारकर जीतने वाले को केशव मौर्य कहते हैं, जानें कौन है केशव मौर्य

Aanchal Pandey

  • March 25, 2022 5:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Who is Keshav Prasad Maurya

लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड जीत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं, यूपी में बतौर सीएम ये योगी आदित्यनाथ का दूसरा कार्यकाल होगा. योगी आदित्यनाथ के सीएम पद की शपथ लेने के बाद केशव प्रसाद मौर्य (Who is Keshav Prasad Maurya) ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. बता दें, केशव मौर्या सिराथू से चुनाव हार गए थे, लेकिन चुनाव हारने के बाद भाजपा ने उनपर विश्वास जताते हुए एक बार फिर उन्हें उपमुख्यमंत्री की कमान सौंप दी है. केशव प्रसाद मौर्य के साथ ब्रजेश पाठक ने भी उत्तर प्रदेश में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

अखबार बेचने वाले से उपमुख्यमंत्री का सफर

केशव प्रसाद मौर्य का जन्म 7 मई 1969 को कौशांबी जिले में हुआ, मौर्य कौशांबी के सिराथू के कसिया गांव के निवासी हैं. उनके पिता श्याम लाल वहीं चाय की दुकान चलाते थे, मौर्य भी वहां पिता की दूकान चलने में मदद करते और चाय बेचते थे. उनकी पढ़ाई-लिखाई भी गांव में ही हुई है. गांव से जुड़े रहने की वजह से केशव प्रसाद मौर्य को जमीनी नेता माना जाता है.

भाजपा के साथ की राजनीतिक सफर की शुरुआत


केशव मौर्य ने साल 2002 में राजनीती में कदम रखा, और अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत ही भाजपा के साथ की. बांदा निर्वाचन क्षेत्र से उन्होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन तब उन्हें जीत नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने 2007 में इलाहाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन तब भी उनके हाथ सफलता नहीं लगी.

इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य 2012 में सिराथू तहसील से भाजपा के पहले विधायक बने, पहले विधायक इसलिए क्योंकि ये पहली बार था जब सिराथू से भाजपा का कोई विधायक चुना गया हो, इससे पहले सिराथू से कभी भाजपा का कोई विधायक नहीं चुना गया. ये वो समय था जब पहली बार सिराथू सीट भाजपा के खाते में आई थी. दो साल तक विधायक रहने के बाद केशव मौर्य ने फूलपुर लोकसभा सीट पर भी पहली बार भाजपा का परचम लहराया. और न सिर्फ इस सीट पर जीत दर्ज की, बल्कि इस सीट से 503564 वोट हासिल कर एक इतिहास बना दिया. 2017 में केशव मौर्य ने फिर से सिराथू से चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड जीत हासिल की, जिसके बाद इन्हें उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बना दिया गया.

हारने के बाद भी कैसे बने उपमुख्यमंत्री?

2022 के विधानसभा चुनाव में सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य को हार का सामना करना पड़ा, वो सीट जहाँ केशव मौर्य ने पहली बार भाजपा का झंडा लहराया था, वहां से केशव प्रसाद मौर्य का हारना थोड़ा चौकाने वाला था, लेकिन केशव प्रसाद मौर्य के काम को देखते हुए और पिछड़ों का सबसे बड़ा नेता कहे जाने के कारण केशव प्रसाद मौर्य को एक बार फिर उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.

 

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