What is JPC & its Powers: देशभर में राफेल का मुद्दा गरमाया हुआ है. कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार से ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (JPC) के गठन की मांग कर रही है. इस बीच जानिए क्या होती है जेपीसी और कैसे करती है ये काम.
नई दिल्ली: शुक्रवार को राफेल डील पर मोदी सरकार के लिए राहत की खबर आई. विपक्ष की ओर से राफेल डील को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर सुप्रीम ने कहा कि सौदे पर कोई संदेह नहीं है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि सौदे की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि कीमत देखना कोर्ट का काम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही सौदे को लेकर दायर की गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.
जिसके बाद से देशभर में राफेल का मुद्दा गरमाया हुआ है. कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार से ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (JPC) के गठन की मांग कर रही है. हालांकि सरकार इसके गठन को तैयार नहीं है. केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा के लिए तैयार है.
जेपीसी में संसद में विभिन्न पार्टियों के चुने हुए प्रतिनिधियों को उनके अनुपात के आधार पर मेंबर बनाया जाता है. मतलब जिस पार्टी के जितने अधिक मेंबर होंगे. उस पार्टी के लिए उतना ही फायदा होगा. अगर किसी मामले को लेकर संसद के सदस्यों को ऐसा लगता है कि कुछ घपला हुआ है और उसकी JPC के माध्यम से जांच होनी चाहिए. सहमति के आधार पर कमेटी गठित की जाती है.
जेपीसी को मिनी संसद भी कहा जाता है. इस कमेटी को अधिकार होता है कि वह संबंधित पक्षों को बुलाकर पूछताछ करे. साथ ही इस कमेटी को ये भी अधिकार होता है कि कमेटी संबंधित दस्तावेज भी तलब कर सकती है.
जेपीसी तब गठित की जाती है, जब एक सदन ने इसे मंजूरी दे दी हो दूसरा सदन भी उससे राजी हो. दोनों सदन के पीठासीन अधिकारी संयुक्त संसदीय समिति के गठन के लिए एक-दूसरे को पत्र लिखें. साथ ही इस बारे में एक-दूसरे को जानकारी दें.
अगर संयुक्त संसदीय समिति गठित होगी तो लोकसभा से 10 और वहीं राज्यसभा से 5 सदस्य हो सकते हैं. कुल मिलाकर इसमें 15 सदस्य होंगे.