राजनीति में “विषकन्या” का नाम क्यों लिया जा रहा है? जानें इस शब्द की कहानी

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा में चुनावी माहौल काफी विषैला होता जा रहा है। इधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने PM नरेंद्र मोदी को “कोबरा” कह दिया तो उधर कर्नाटक के बीजेपी विधायक बासनगौड़ा यतनाल ने भी सोनिया गांधी के लिए “विषकन्या” शब्द का इस्तेमाल किया। आपको बता दें, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने भाजपा विधायक […]

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राजनीति में “विषकन्या” का नाम क्यों लिया जा रहा है? जानें इस शब्द की कहानी

Amisha Singh

  • April 29, 2023 3:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा में चुनावी माहौल काफी विषैला होता जा रहा है। इधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने PM नरेंद्र मोदी को “कोबरा” कह दिया तो उधर कर्नाटक के बीजेपी विधायक बासनगौड़ा यतनाल ने भी सोनिया गांधी के लिए “विषकन्या” शब्द का इस्तेमाल किया। आपको बता दें, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने भाजपा विधायक की कड़ी निंदा की है। लेकिन आखिर क्या होता है “कोबरा” और “विषकन्या” का शाब्दिक मतलब?

 

आपको बता दें, कोबरा और विषकन्या दोनों ही खतरनाक माने जाते हैं। लेकिन विषकन्या एक ऐसा शब्द है जिसे हम सभी बचपन से परियों की कहानियों के जैसे सुनते हैं। विषकन्या को हुस्न और अदा की मल्लिका भी कहा जाता था। वह पहले मोहित करती है और फिर किसी को जान से मारती है। इतिहास की कहानियों में भी विषकन्या का ज़िक्र किया गया है। आखिर क्या है ये विषकन्या, कैसे बनती है विषकन्या – आइए आपको बताते हैं।

 

➨ विषकन्या किस्से कहानियों में

माना जाता है कि विषकन्या कल्पना की उपज नहीं थी। कहा जाता है कि सबसे पहले चाणक्य ने विषकन्या की रचना की। चाणक्य का मकसद दुश्मन देश के शासक को खत्म करना था। राजा के आदेश से विषकन्या को विरोधी के पास जो प्रेमालाप के दौरान सामने वाले को अपने नाखूनों या दांतों से मार देती थी। चाणक्य के बाद माना जाता है कि जब सिकंदर दुनिया जीतने के लिए निकला तो अरस्तू ने उसे भारत के विषकन्या के बारे में चेतावनी दी थी। उसके बाद सिकंदर चौकन्ना हो गया था।

 

 

➨ लिखी जा चुकी है किताब

मशहूर लेखिका शिवानी और सुरेंद्र मोहन पाठक ने “विषकन्या” नामक किताब भी लिखी है। इस किताब की प्रस्तावना में लिखा है: “वह सुंदर थी। तौबाशिकन हुस्न की रानी। वह एक अप्सरा थी जिसने देवताओं के विश्वास को खराब कर दिया था। वह किसी की तपस्या का फल थी, किसी की मिन्नतों का नतीजा थी। वह विषकन्या थी”।

 

➨ विषकन्या कैसे बनती है?

ऐसा कहा जाता है कि राजा-महाराजाओं के समय में उनकी कई नाजायज औलादें हुई थीं। उन्हीं में से एक खूबसूरत लड़की को इसके लिए चुना जाता था। उस लड़की को बचपन से ही अपने खाने में थोड़ी मात्रा में जहर देना शुरू किया जाता था। जैसे-जैसे लड़की की उम्र बढ़ती जाती थी, जहर की मात्रा बढ़ा दी जाती थी। जब वह भरी कन्या यानी कि युवती हो जाती थी तब उसका इस्तेमाल शत्रु देश के राजाओं को जाल में फंसाने के लिए और मारने के लिए किया जाता था।

 

 

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