एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के संशोधन के विरोध में सोमवार को दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान कई जानें चली गईं. इस प्रदर्शन के विरोध में राजस्थान के करौली में व्यापारियों द्वारा मंगवार को बंद बुलाया गया. इस दौरान करीब 40 हजार लोगों की भीड़ ने दो दलित नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया.
जयपुर. राजस्थान के करौली में भीड़ द्वारा दो दलित नेताओं के घरों को निशान बनाकर आग लगाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह भीड़ सोमवार को दलितों के भारत बंद के विरोध में इकट्ठा हुई थी. जिन दलित नेताओं के घरों को आग लगाई गई है उनमें एक बीजेपी की वर्तमान विधायक राजकुमारी जाटव हैं वहीं, दूसरे कांग्रेस के पूर्व विधायक भरोसेलाल जाटव हैं. दोनों नेताओं के घरों पर मंगलवार (आज) को हजारों की संख्या में लोग जमा हुए थे. यहां उन्होंने 2 अप्रैल के भारत बंद के विरोध यह आगजनी की.
सोमवार को दलित संगठनों ने बंद के विरोध में व्यापारियों और दूसरे समुदाय के लोगों ने मंगलवार को बंद बुलाया था. व्यापारियों का कहना था कि सोमवार को उनके साथ मारपीट और लूटपाट की गई. इस मामले को लेकर बड़ी संख्या में लोग कलेक्टर को ज्ञापन देने जा रहे थे. हालात तनावपूर्ण देखते हुए इलाके में धारा 144 लागू की गई थी. इसके बावजूद वहां भारी संख्या में लोग जमा हो गए.
प्रशासन द्वारा लगाई गई धारा 144 का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और धीरे-धीरे ये संख्या 40 हजार तक पहुंच गई. जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. आरोप है कि इसी दौरान भीड़ हिंडौन से वर्तमान बीजेपी विधायक राजकुमारी जाटव के घर को निशाना बनाया. भीड़ ने उनका घर फूंक डाला. इतना ही नहीं, इस भीड़ ने पूर्व कांग्रेस विधायक भरोसीलाल जाटव के घर को भी आग के हवाले कर दिया. इतना ही नही, भीड़ ने यहां एक मॉल में भी आग लगा दी. भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
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