नई दिल्ली। देश के उपराष्ट्रपति का वेतन ‘संसद अधिकारी के सैलरी और भत्ते अधिनियम, 1953’ के तहत निर्धारित किया जाता है. बता दें कि उपराष्ट्रपति को कोई वेतन नहीं मिलता है. उपराष्ट्रपति राज्यसभा का अध्यक्ष भी होता है, इसलिए उन्हें अध्यक्ष की सैलरी और सुविधाएं दी जाती हैं. आइए आपको बताते हैं कि भारत के […]
नई दिल्ली। देश के उपराष्ट्रपति का वेतन ‘संसद अधिकारी के सैलरी और भत्ते अधिनियम, 1953’ के तहत निर्धारित किया जाता है. बता दें कि उपराष्ट्रपति को कोई वेतन नहीं मिलता है. उपराष्ट्रपति राज्यसभा का अध्यक्ष भी होता है, इसलिए उन्हें अध्यक्ष की सैलरी और सुविधाएं दी जाती हैं. आइए आपको बताते हैं कि भारत के उपराष्ट्रपति को कितना वेतन और क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं.
जानकारी के मुताबिक उपराष्ट्रपति को हर महीने 4 लाख रुपए वेतन मिलता है. इसके अलावा उन्हें कई तरह के अन्य भत्ते भी मिलते हैं. उपराष्ट्रपति को दैनिक भत्ता, चिकित्सा, मुफ्त आवास, यात्रा और अन्य सुविधाओं के लाभ मिलते हैं. उपराष्ट्रपति के लिए पेंशन वेतन का 50% है.
1. उम्मीदवार भारत का नागरिक हो.
2. वह 35 साल वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो.
3. नामांकन दाखिल करने वाला राज्यसभा के लिए चुने जाने की योग्यताओं को पूरा करता हो.
4. राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए.
5. कोई व्यक्ति, जो भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है वह उपराष्ट्रपति नहीं बन सकता.
6. उम्मीदवार संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए। यदि वह सदस्य है तो उपराष्ट्रपति बनने के लिए उसे अपनी सदस्य्ता छोड़नी होगी.
संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं: राष्ट्रपति चुनावों में संसद के साथ-साथ विधायकों की भी अहम् भूमिका होती है. जहां सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं. लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं. उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनी निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए किया जाता है. उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है.