नई दिल्ली, देश के नए उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए और विपक्षी दलों की ओर से जोर-आजमाइश शुरू हो गई है इसके लिए एनडीए ने अब तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. उधर, विपक्षी पार्टियों के जल्द ही इस पर फैसला लेने की संभावना है, इस संबंध में कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता […]
नई दिल्ली, देश के नए उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए और विपक्षी दलों की ओर से जोर-आजमाइश शुरू हो गई है इसके लिए एनडीए ने अब तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. उधर, विपक्षी पार्टियों के जल्द ही इस पर फैसला लेने की संभावना है, इस संबंध में कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को ये ज़िम्मेदारी दी गई है. खड़गे सभी 17 दलों के साथ आगामी रविवार को बैठक कर सकते हैं, जिसमें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनने की संभावना है. इन चर्चाओं के बीच यह खबर भी सामने आ रही है कि विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार कोई गैर कांग्रेसी ही होगा.
दरअसल, मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म होने वाला है, जबकि, चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई तय की है, लेकिन अब तक एनडीए और विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है. 22 जुलाई को नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन होगा, वहीं चुनाव आयोग ने 6 अगस्त को वोटिंग और काउंटिंग की तारीख तय की है.
विपक्ष आगामी उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संयुक्त और गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार खड़ा करेगा, रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले पर चर्चा के लिए विभिन्न विपक्षी दलों के नेता 17 जुलाई को बैठक करने वाले हैं. इसके लिए कांग्रेस ने सभी समान विचारधारा वाले दलों से अगले महीने उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार पर चर्चा करने के लिए संपर्क कर लिया है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे 18 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के लिए फ्लोर रणनीति के साथ-साथ उप-राष्ट्रपति चुनावों के विवरण पर चर्चा करने के लिए विपक्षी नेताओं की मेजबानी करने वाले हैं. हालांकि विपक्ष के पास जीत सुनिश्चित करने के लिए संख्या बल नहीं है, फिर भी विपक्ष का मानना है कि अपना उम्मीदवार उतारकर भाजपा को वैचारिक चुनौती दी जानी चाहिए.
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