भीमा कोरेगांव हिंसा में एफआईआर होने पर गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि वह रैली के दौरान न तो मंच पर थे और बाद में भीमा कोरेगांव भी नहीं गए थे. अगले दिन महाराष्ट्र में विरोध बंद भी बुलाया गया था, वह उस बंद में शामिल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि मैं पेशे से वकील हूं और संविधान का महत्व समझता हूं. जिग्नेश मेवाणी ने दावा किया कि मैंने जो कुछ भी किया सब संविधान के दायरे में किया. इसके अलावा जिग्नेश ने पीएम मोदी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि रोहित वेमुला, ऊना, सहारनपुर में दलितों पर हमला और अब भीमा कोरेगांव की घटना हुई पीएम मोदी ने कुछ नहीं बोला.
नई दिल्ली. भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़काने के लिए गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ऐसे में जिग्नेश मेवाणी दलित अत्याचार के मुद्दे पर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रतिक्रिया व्यक्त करने की मांग कर रहे हैं. शुक्रवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि 9 जनवरी को हुंकार रैली के बाद एक हाथ में संविधान और दूसरे में मनुस्मृति लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय जाऊंगा. जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि दलितों पर पीएम मोद का कोई कमिटमेंट नहीं है. खुद को अंबेडकर भक्त बताने वाले मोदी जवान खोलें. भीमा कोरेगांव हिंसा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मैं कोरेगांव गया ही नहीं और न ही मेरे भाषण में कुछ भी भड़काऊ था. 2019 में बीजेपी और संघ को मुझसे खतरा लग रहा है इसलिए मुझे टारगेट किया जा रहा है.
पिछले साल उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद उभरी भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद (रावण) की रिहाई के लिए जिग्नेश मेवाणी 9 जनवरी को हुंकार रैली का आयोजन कर रहे हैं. जिसमें जिग्नेश मेवाणी के अलावा असम के आरटीआई एक्टिविस्ट और किसान नेता अखिल गोगोई भी उपस्थित होंगे. रैली के दौरान संसद स्ट्रीट पर जनसभा को संबोधित किया जाएगा. जिग्नेश मेवाणी ने इसी रैली के बाद पीएमओ जाने की बात कही है. इस रैली के जरिए भी जिग्नेश मेवाणी केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलेंगे. जिग्नेश और अखिल गोगोई के साथ जेएनयू के कुछ छात्र नेताओं के शामिल होने की भी संभावना है.
बता दें कि जिग्नेश मेवाणी ने गुजरात के वडगांव से जीत हासिल की है. गुजरात के बहुचर्चित ऊना कांड के बाद दलित आंदोलन को लेकर चर्चाओं में आए जिग्नेश मेवाणी ने विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. जिग्नेश मेवाणी ने जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बूढ़ा बताते हुए हिमालय में चले जाने की सलाह दी थी. इसके बाद वे लगातार केंद्र सरकार, संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल रहे हैं. महाराष्ट्र के कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में भड़काऊ भाषण देने पर अपने खिलाफ हुई एफआईआर पर सफाई देते हुए उन्होंने वहां जाने की बात से ही इंकार किया है.